झारखंड प्रदेश बीआरपी सीआरपी महासंघ के आह्वान पर महासंघ की जिला इकाई ने अपनी लंबित मांगों के समर्थन में सोमवार को आयोजित कार्यक्रम का विरोध किया। विदित हो कि झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद रांची की ओर से चलाए जा रहे ऑनलाइन शिक्षण के तहत राज्य के प्रत्येक बीआरपी-सीआरपी तक शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। उसे सीआरपी बीआरपी की ओर से विद्यालय के शिक्षकों और बच्चों को उपलब्ध कराया जाता है। मौके पर महासंघ के जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार दूबे ने बताया कि परियोजना कार्यालय के अड़ियल रवैए के कारण पिछले दो वर्षों से मोबाइल रिचार्ज के लिए प्रस्तावित राशि का भुगतान नहीं किया गया है। मार्च 2020 से अनुश्रवण भत्ता के अलावा पिछले वित्तीय वर्ष की सीआरसी कंटीजेंसी की राशि का भी भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के सैकड़ों बीआरपी सीआरपी को पिछले पांच महीने से मानदेय नहीं मिला है। उक्त कारण कई बीआरपी सीआरपी के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। उन्होंने कहा कि राज्य एवं जिला स्तर पर हमारी कई समस्याओं को लंबित रखा गया है। जिलांतर्गत कई सीआरपी का युक्तिकरण के नाम पर अपने मूल प्रखंडों से 50-100 किमी दूर सूदूरवर्ती प्रखंडों में पदस्थापित कर दिया गया है। समस्याओं के अविलंब निराकरण के लिए सोमवार को पूरे जिले में ऑनलाइन शिक्षण का लॉकडाउन किया गया। उन्होंने कहा कि समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएगा। मौके पर श्रीकांत चौबे, कमलेश चौबे, अशोक विश्वकर्मा, प्रभुनाथ, जय प्रकाश लाल, अनुप शुक्ला, ओमप्रकाश शर्मा, अरुण कुमार, मनोज मिश्रा, विकास कुमार, शिव उपाध्याय, प्रणव शंकर झा, उदय नारायण सिंह, विरेन्द्र प्रजापति, अंजनीकांत, दुष्यंत कुमार मिश्रा, संजय प्रसाद, संजय पाठक, सत्यनारायण प्रसाद, रामप्रवेश प्रसाद, दिनेश कुमार दूबे, अखिलेश तिवारी, ओमप्रकाश द्विवेदी सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे।
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