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ग्राम समिति करेगी दुमका के 22 बालू घाटों की निगरानी

दुमका जिला में 22 बालू घाटों को केटेगरी वन में रखने का प्रस्ताव है जिसकी निगरानी गांव की समति करेगी। इनमें प्रथम चरण में 11 बालू घाटों की सूची पहले जारी हो चुकी है जबकि दूसरे चरण में शेष 11 बालू...


ग्राम समिति करेगी दुमका के 22 बालू घाटों की निगरानी
हिन्दुस्तान टीम,दुमकाMon, 19 Nov 2018 02:04 AM
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दुमका जिला में 22 बालू घाटों को केटेगरी वन में रखने का प्रस्ताव है जिसकी निगरानी गांव की समति करेगी। इनमें प्रथम चरण में 11 बालू घाटों की सूची पहले जारी हो चुकी है जबकि दूसरे चरण में शेष 11 बालू घाटों की सूची को अंतिम रुप देने की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए सम्बन्धित अंचल के अंचलाधिकारी से खनन विभाग ने रिपोर्ट मांगी है। केटेगरी वन के बालूघाटों से 100 रुपए प्रति घन फीट का दर बालू के उठाव के लिए निर्धारित किया गया है। यह राशि ग्राम पंचायत या स्थानीय स्वायत्त द्वारा ली जाएगी। विभाग द्वारा अनुमोदित प्राप्ति सह परिचालन स्लीप (रसीद)बालू प्रप्त कर्ता को दी जाएगी जो तीन प्रतियों में होगी। रसीद की एक प्रति पंचायत के पास,एक बालू प्राप्तकर्ता के पास और एक प्रति पर्यवेक्षण के लिए होगा।

प्रथम चरण में जिन बालू घाटों को केटेगरी वन में रखने का निर्णय लिया गया है उनमें जामा के चार बालू घाट,दुमका अंचल का एक बालू घाट,शिकारीपाड़ा का दो बालू घाट और रामगढ़ अंचल का चार बालू घाट शामिल है।

वहीं द्वितीय चरण में जिन 11 बालू घाटों को केटेगरी वन में रखने का प्रस्ताव है उनमें शिकारीपाड़ा और रानेश्वर अंचल में एक-एक बालू घाट, काठीकुंड में दो बालू घाट,जामा में तीन बालू घाट और रामगढ़ में चार बालू घाट हैं।

क्या है केटेगरी वन का बालूघाट - झारखंड राज्य बालू खनन नीति 2017 के मुताबिक बालूघाटों को दो केटेगरी में बांटा गया है। केटेगरी वन के बालूलाटों की नीलामी नहीं होगी। स्थानीय लोगों की कमेटी इन बालू घाटों का रख-रखाव का काम देखेगी। इस स्थानीय कमेटी के निर्णय के अनुसार ही बालूघाट से बालू का उठाव हो सकेगा। केटेगरी वन के बालूलाटों से उठाए गए बालू का व्यवसायीकरण और यहां तक कि भंडारण भी नहीं किया जा सकेगा। वहीं केटेगरी 2 के बालूघाटों

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