विफलता : हड़ताल समाप्त नहीं करा सके तो कुलपति आवास को ही बना डाला अपना अस्थायी कार्यालय
दुमका में शिक्षकेतर कर्मियों ने 26 नवंबर से हड़ताल शुरू की है, जिसमें वे सातवें वेतनमान, एसीपी और एमएसीपी की मांग कर रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुलपति आवास को अस्थायी कार्यालय बना लिया है।...

दुमका। लगातार एक माह से अपनी मांगों को लेकर विश्विविद्यालय के मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर हड़ताल पर गए शिक्षकेतर कर्मियों को समझा पाने में विफल रही विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुलपति आवास को ही अपना अस्थायी कार्यालय बना डाला। सातवें वेतनमान, एसीपी व एमएसीपी की भुगतान की मांग को लेकर 26 नवंबर से लगातार विश्वविद्यालय के शिक्षकेतर कर्मी हड़ताल पर हैं। विश्विद्यालय के मुख्य द्वार पर अपनी मांगों को लेकर धरना पर बैठे हुए हैं। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ जयकुमार शाह ने मामले की जानकारी देते हुए बताया है कि हड़ताल को देखते हुए पहले से ही संत जेवियर्स कॉलेज में यूजी सेमेस्टर-6 की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन चल रहा है। अब झारखंड सीजीएल, बिहार शिक्षक एवं अन्य प्रतियोगिता परीक्षा उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के मूल प्रमाण पत्र भी निर्गत किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक उक्त प्रतियोगिता परीक्षा उत्तीर्ण कुल 58 छात्र-छात्राओं को मूल प्रमाण पत्र निर्गत किए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी छात्र-छात्रा जिसने कोई भी प्रतियोगिता परीक्षा उत्तीर्ण की हो, वह कुलपति के आवासीय कार्यालय में आकर अपना मूल प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकता है।
उन्होंने कहा कि तालाबंदी के कारण छात्रों को परेशानी हो रही है और छात्र हित के कार्य बाधित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीजी सेमेस्टर-2 और यूजी सेमेस्टर-6 का मूल्यांकन कार्य लगभग पूरा हो चुका है। जिसका रिजल्ट तालाबंदी के कारण प्रकाशित नहीं हो सका है। कहा कि यूजी सेमेस्टर-6 का रिजल्ट प्रकाशित नहीं होने के कारण पीजी एडमिशन में भी देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि यूजी सेमेस्टर-3, यूजी सेमेस्टर-1 सहित अन्य बैकलॉग स्पेशल परीक्षा लेने की विश्वविद्यालय ने तैयारी कर ली थी जिसका आयोजन तालाबंदी के कारण नहीं हो सका। उन्होंने कहा 28 दिसंबर को एक बार फिर कर्मचारियों की मांगों को पत्र के माध्यम से निदेशालय को भेजा गया है तथा कम से कम पांच कॉलेजों के कर्मचारियों के वेतन निर्धारण का अनुरोध किया गया है। इधर मामले को लेकर कुलपति प्रो. बिमल कुमार सिंह से बात करने का प्रयास किया गया पर बात नहीं हो सकी है।
क्या कहते हैं आंदोलनकारी
सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के सचिव नेतलाल मिर्धा ने कहा की विश्वविद्यालय प्रशासन ने विगत 30 अगस्त तक हम सभी कर्मियों से जुड़ी समस्याओं को समाधान किए जाने का आश्वासन दिया था। 30 अगस्त बीत जाने के बाद विश्वविद्यालय द्वारा कोई पहल की गई और न ही इस समस्या का समाधान हो सका। उन्होंने कहा कि हम तब तक आंदोलन जारी रखेंगे जब तक सातवें वेतनमान में वेतन भुगतान प्रारंभ नहीं हो जाता है।
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