ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News झारखंड दुमकाआदिवासी समाज को मजबूत करने पर बल

आदिवासी समाज को मजबूत करने पर बल

भारत के विकास में झारखंड के योगदान के लिए जरुरी है कि झारखंड के आदिवासी समाज को मजबूत बनाया जाए। झारखंड की संस्कृति का ऐतिहासिक परम्परा के आधार पर विकास किया जाए। झारखंड के सभी आदिवासी छात्र-छात्राओं...

आदिवासी समाज को मजबूत करने पर बल
हिन्दुस्तान टीम,दुमकाFri, 14 Dec 2018 01:39 AM
ऐप पर पढ़ें

भारत के विकास में झारखंड के योगदान के लिए जरुरी है कि झारखंड के आदिवासी समाज को मजबूत बनाया जाए। झारखंड की संस्कृति का ऐतिहासिक परम्परा के आधार पर विकास किया जाए। झारखंड के सभी आदिवासी छात्र-छात्राओं को अपनी मातृ भाषा से विद्यालय से विश्वविद्यालय स्तर तक की पढ़ाई सुनिश्चित किया जाना चाहिए। समाज,संस्कृति और शिक्षा के विकास के सवाल पर एक ऐसी नीति और कार्यक्रम तैयार हो कि झारखंड की जनता की उम्मीदों के अनुरुप विकास हो सके। यह विचार गुरुवार को दुमका में आयोजित झारखंड के बुद्धिजीवियों और समाजिक कार्यकर्ताओं की एक संगोष्ठी में उभर कर सामने आया। संगोष्ठी को मुख्य अतिथि के रुप में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने संबोधित किया। संगोष्ठी में भाग लेने वालों में झारखंड के जाने-माने बुद्धिजीवियों और समाजिक कार्यकर्ताओं में राष्ट्रीय अनूसिूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष रामेश्वर उरांव,करमा उरांव, प्रकाश उरांव, दिनेश उरांव, जीता उरांव,डॉ.सुशील मरांडी, प्रो.अंजुला मुर्मू और सतीश सोरेन के नाम प्रमुख है। संगोष्ठी में 5 वीं अनुसूची,पेसा एक्ट और सीएनटी-एसपीटी एक्ट की रक्षा के उपायों पर विस्तार से चर्चा हुई। कई वक्ताओं ने झारखंड की खुशहाली के लिए सभी संगठनों के समाजिक कार्यकर्ताओं,शिक्षाविदों और अन्य बुद्धिजीवियों की एकजुटता पर बल दिया।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें