मौसमी बीमारियों का प्रकोप शुरू
दुमका जिले में मौसमी बीमारी का प्रकोप शुरू हो गया है। औसतन 40 से 50 मरीज प्रतिदिन मौसमी बीमारी की चपेट में आकर इलाज कराने के लिए सदर अस्पताल में पहुंच रहे हैं। गंभीर मरीजों को दुमका के सदर अस्पताल...
दुमका जिले में मौसमी बीमारी का प्रकोप शुरू हो गया है। औसतन 40 से 50 मरीज प्रतिदिन मौसमी बीमारी की चपेट में आकर इलाज कराने के लिए सदर अस्पताल में पहुंच रहे हैं। गंभीर मरीजों को दुमका के सदर अस्पताल में भर्ती कर दिया जाता है,जबकि मामूली खांसी-सर्दी वाले मरीजों का चिकित्सक इलाज करने के बाद अस्पताल से रिलीज कर दे रहे हैं। मौसमी बीमारी का प्रकोप बढ़ने के साथ ही सदर अस्पताल में कफ सिरप खत्म हो गई है। यहां तक कि बच्चे का भी कफ सिरप नहीं है। कफ सिरप नहीं रहने पर अस्पताल के दवाई काउंटर से मरीज वापस लौट जा रहे हैं। कफ सिरप की मांग करने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने दवाई काउंटर में उपलब्ध नहीं कराई है। मरीज अस्पताल के बाहर दवाई दुकानों से कफ सिरप खरीदते नजर आते है। 4 डायरिया के मरीज में भर्ती हैं। डायरिया के दवा की कमी नहीं है। आरएल एवं एनएस स्लाइन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इंजेक्शन भी पर्याप्त मात्रा में है। अस्पताल में गैस तक की भी दवाई खत्म हो गई है। 300 बेड वाले अस्पताल में 100 बेड ही सदर अस्पताल में लगे हुए हैं। कई मरीजों को बेडसीट उपलब्ध नहीं हो पाता है। मरीजों को घर से बेडसीट लाना पड़ता है। इधर, अस्पताल में डायरिया के मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है।