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दो वर्ष में ही टूटने लगी नक्सल क्षेत्र की सड़कें

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बनी कई सड़कें निर्माण के दो साल के अंदर ही टूटने लगी हैं। शनिवार को काठीकुंड के नारगंज में फोकस एरिया विकास कार्यक्रम की उच्चस्तरीय समीक्षा...

दो वर्ष में ही टूटने लगी नक्सल क्षेत्र की सड़कें
Center,DhanbadSun, 28 May 2017 12:54 AM
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नक्सल प्रभावित क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बनी कई सड़कें निर्माण के दो साल के अंदर ही टूटने लगी हैं। शनिवार को काठीकुंड के नारगंज में फोकस एरिया विकास कार्यक्रम की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में पहुंचे संताल परगना के प्रमंडलीय आयुक्त ने ग्रामीण सड़क की खराब स्थिति पर नाराजगी जाहिर की। बैठक में मौजूद ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता विजय कुमार ने ने बताया कि इरकॉन ने यह सड़क बनवाई है। दो साल ही हुआ है और मेंटेनेंस करना बंद कर दिया। जबकि पीएमजीएसवाई के तहत पांच साल तक ठेकेदार को सड़क का रख-रखाव करना है। आयुक्त ने निर्देश दिया कि ठेकेदार से नारगंज-फिटकोरिया सड़क की तुरंत मरम्मत कराएं। इधर बैठक के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत में आयुक्त ने बताया कि इरकॉन हो या कोई, खराब सड़कें बनी हैं तो उसकी जांच होगी और गुणवत्ता में कोताही पाए जाने पर कार्रवाई भी होगी। इरकॉन ने एक ही कंस्ट्रक्शन कंपनी को दे दिया था ठेका: इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड भारत सरकार का उपक्रम है। इरकॉन ने दुमका के नक्सल प्रभावित काठीकुंड, गोपीकांदर, शिकारीपाड़ा और रानेश्वर में पीएमजीएसवाई की करीब 50 सड़कों का निर्माण कराया था। अधिकांश सड़कों का ठेका एक ही कंपनी मेसर्स राजा कंस्ट्रक्शन को दिया था। दो साल पहले इरकॉन ने झारखंड सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग को नवनिर्मित 48 सड़कों को हैंडओवर किया था। दो साल के अंदर ही ये सड़कें जगह-जगह टूटने लगी हैं।

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