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मारवाड़ी समाज की सुहागिनों ने की गणगौर माता की पूजा

मारवाड़ी समाज की सुहागिन महिलाओं एवं कुंवारी कन्याओं ने मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ गणगौर माता की पूजा-अर्चना की। मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने गणगौर माता के ढोल बाजे के साथ शोभा यात्रा निकाली, जो बड़ा...

मारवाड़ी समाज की सुहागिन महिलाओं एवं कुंवारी कन्याओं ने मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ गणगौर माता की पूजा-अर्चना की। मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने गणगौर माता के ढोल बाजे के साथ शोभा यात्रा निकाली, जो बड़ा...
1/ 2मारवाड़ी समाज की सुहागिन महिलाओं एवं कुंवारी कन्याओं ने मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ गणगौर माता की पूजा-अर्चना की। मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने गणगौर माता के ढोल बाजे के साथ शोभा यात्रा निकाली, जो बड़ा...
मारवाड़ी समाज की सुहागिन महिलाओं एवं कुंवारी कन्याओं ने मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ गणगौर माता की पूजा-अर्चना की। मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने गणगौर माता के ढोल बाजे के साथ शोभा यात्रा निकाली, जो बड़ा...
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हिन्दुस्तान टीम,दुमकाWed, 21 Mar 2018 02:27 AM
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मारवाड़ी समाज की सुहागिन महिलाओं एवं कुंवारी कन्याओं ने मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ गणगौर माता की पूजा-अर्चना की। मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने गणगौर माता के ढोल बाजे के साथ शोभा यात्रा निकाली, जो बड़ा बांध तालाब पर पहुंची।

गणगौर माता की पूजा होलिका दहन के दूसरे दिन यानि छारंडी के दिन से आरंभ होती है, जो लगातार 16 दिनों तक चलती है। इसमें मारवाड़ी समाज के लोग आस्था के साथ शामिल होते हैं।

छारंडी के दिन कुंवारी कन्या तथा नवविवाहित महिलाएं इस पूजा को प्रारंभ करती हैं। मंगलवार को आयोजन के अंतिम दिन समाज की सुहागिन महिलाओं बड़ी श्रद्धा से गणगौर माता की पूजा की। महिलाएं एवं कन्याओं ने रोली, मेंहदी, काजल, हलवा, पूड़ी दुर्वा आदि से गणगौर माता की पूजा की। शाम के समय गणगौर माता को तालाब में विसर्जित किया गया। इस अवसर पर परम्परागत लोक गीत और भजन गाए गए। महिलाओं ने लम्हों को कैमरे में कैद किया। महिलाएं तथा लड़कियों ने एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाया।

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