रबर स्टांप की तरह काम कर रहे हैं राज्यपाल और राष्ट्रपति: हेमंत
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि राज्यपाल और राष्ट्रपति सरकार के रबर स्टांप की तरह काम कर रहे हैं। हेमंत सोरेन सोमवार को दुमका समाहरणालय परिसर में भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन के खिलाफ...
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि राज्यपाल और राष्ट्रपति सरकार के रबर स्टांप की तरह काम कर रहे हैं। हेमंत सोरेन सोमवार को दुमका समाहरणालय परिसर में भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन के खिलाफ आयोजित संयुक्त विपक्ष के धरना को संबोधित कर रहे थे। हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रघुवर दास पर निशाना साधते हुए कहा कि रघुवर दास मुख्यमंत्री नहीं बल्कि दिल्ली में बैठे षडयंत्रकारियों के लठैत हैं। राज्यपाल और राष्ट्रपति सचिवालय पर सवाल खड़ा करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि बिना विधान सभा में भेजे अधिनियमों में संशोधन कैसे हो जा रहा है। हेमंत ने कहा कि लगता है राज्यपाल और राष्ट्रपति सचिवालय को संवैधानिक प्रक्रियाओं की जानकारी नहीं है। धरना में झामुमो, झाविमो, कांग्रेस, राजद और वाम दलों के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल के खिलाफ संयुक्त विपक्ष के आंदोलन के संयोजक के रुप में धरना को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार इस आंदोलन को केवल आंदोलन नहीं समझे। यह आंदोलन नहीं, आग है, जिसमें पूरी भाजपा जल कर राख हो जाएगी। हेमंत ने एसपीटी और सीएनटी एक्ट में संशोधन के प्रयास, स्थानीयता नीति,नियोजन नीति और अब भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन पर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार हमारे सब्र का इम्तहान न ले। उन्होंने कहा कि सरकार जनता की पीठ में छूरा घोपकने का काम कर रही है। पहला छूरा स्थानीयता नीति को परिभाषित कर भोंका गया। अब भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन कर झारखंड की जनता की पीठ में सरकार ने खंजर भोंका है। उन्होंने कहा कि यह कानून वापस नहीं लिया गया तो झारखंड की जनता कागज में ही जमीन के मालिक रह जाएगी। धरना को झामुमो विधायक नलिन सोरेन और जॉयस बेसरा, विजय कुमार सिंह सहित कई दल के नेताओं ने संबोधित किया।