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दुमका: ईसाई धर्मावलंबियों ने मनाया ईस्टर संडे

अटूट आस्था व विश्वास का त्योहार ईस्टर पर्व रविवार को दुमका जिला के ईसाई धर्मावलंबियों ने प्रभू यीशु की प्रार्थना की एवं कैंडल जलाकर मनाया। दुमका दुधानी स्थित चर्च में शनिवार रात्रि 10 बजे से विशप...

अटूट आस्था व विश्वास का त्योहार ईस्टर पर्व रविवार को दुमका जिला के ईसाई धर्मावलंबियों ने प्रभू यीशु की प्रार्थना की एवं कैंडल जलाकर मनाया। दुमका दुधानी स्थित चर्च में शनिवार रात्रि 10 बजे से विशप...
1/ 2अटूट आस्था व विश्वास का त्योहार ईस्टर पर्व रविवार को दुमका जिला के ईसाई धर्मावलंबियों ने प्रभू यीशु की प्रार्थना की एवं कैंडल जलाकर मनाया। दुमका दुधानी स्थित चर्च में शनिवार रात्रि 10 बजे से विशप...
अटूट आस्था व विश्वास का त्योहार ईस्टर पर्व रविवार को दुमका जिला के ईसाई धर्मावलंबियों ने प्रभू यीशु की प्रार्थना की एवं कैंडल जलाकर मनाया। दुमका दुधानी स्थित चर्च में शनिवार रात्रि 10 बजे से विशप...
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हिन्दुस्तान टीम,दुमकाMon, 22 Apr 2019 01:43 AM
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अटूट आस्था व विश्वास का त्योहार ईस्टर पर्व रविवार को दुमका जिला के ईसाई धर्मावलंबियों ने प्रभू यीशु की प्रार्थना की एवं कैंडल जलाकर मनाया। दुमका दुधानी स्थित चर्च में शनिवार रात्रि 10 बजे से विशप जुलियस मरांडी की अगुवाई में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम रात्रि के 2 बजे तक चला। साथ ही दुमका खिजुरिया स्थित कब्रगाह में सुबह 4 बजे से ही अपने-अपने पूर्वजों के कब्र में कैंडल जलाया। ईसाई धर्मावलंबियों का मानना है कि प्रभू यीशु मृत्यु के तीसरे दिन पुनर्जीवित हो गए थे। इसलिए इस दिन ईस्टर के रुप में मनाया जाता है। ईस्टर त्योहार सम्पूर्ण समाज के समक्ष बुराई पर अच्छाई की जीत का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता है। ईसा मसीह ने मानवता और मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर सभी के समक्ष सर्वोच्च त्योग कर अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया था। वे दया, क्षमा और करुणा की प्रतिमूर्ति थे। उनका सम्पूर्ण जीवन प्रेम एवं स्नेह का पर्याप्त था। ईसा मसीह ने नफरत एवं घृणा पर प्रेम, शांति एवं सद्भाव से विजय पाने का संदेश दिया। इस अवसर पर ईसाई धर्मावलंबियों ने अपने परिजनों के क्रब पर कैंडल जलाकर उनकी आत्मा एवं शांति की दुआ मांगी। इस मौके पर चर्च पर ईसाई समुदाय के लोगों की भीड़ काफी लगी हुई थी।

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