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दुमका: निवासी प्रमाण पत्र के दस्तावेज गायब

दुमका अंचल कार्यालय से पूरे एक साल(1995-96) का निवासी प्रमाण पत्र से सम्बन्धित रजिस्टर गायब है। राज्य सूचना आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा कराए गए जांच से यह खुलासा हुआ है कि तत्कालीन लिपिक...

दुमका: निवासी प्रमाण पत्र के दस्तावेज गायब
Center,DhanbadFri, 02 Jun 2017 01:57 AM
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दुमका अंचल कार्यालय से पूरे एक साल(1995-96) का निवासी प्रमाण पत्र से सम्बन्धित रजिस्टर गायब है। राज्य सूचना आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा कराए गए जांच से यह खुलासा हुआ है कि तत्कालीन लिपिक घनश्याम खिरहर इसके लिए जिम्मेवार हैं। खिरहर अब सेवा निवृत हो चुके हैं। पूरे मामले का खुलासा होने के बाद उक्त सेवा निवृत लिपिक के विरुद्ध थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है। अंचलाधिकारी निशा तिर्की के निर्देश पर प्रधान लिपिक असिया देवी ने दुमका टाउन थाना में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए लिखित रिपोर्ट किया है। इस बारे में थाना प्रभारी इंस्पेक्टर मनोज ठाकुर ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज कर शीघ्र ही अनुसंधान शुरू किया जाएगा। क्या है मामला : बलराम सिंह बनाम जन सूचना पदाधिकारी सह अंचल अधिकारी,दुमका की सुनवाई वर्ष 2016 से राज्य सूचना आयोग में चल रही है। सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि दुमका अंचल कार्यालय में निवासी प्रमाण पत्र के संधारण का 1995-96 का रजिस्टर गायब है। राज्य सूचना आयोग ने दुमका के डीसी से पूछा कि अंचल कार्यालय से सरकारी दस्तावेज कैसे गायब है। यह जांच कराएं कि दोषी कौन है। आयोग ने 9 जून तक जांच रिपोर्ट देने का डीसी को निर्देश दिया। खिरहर ने किसी दूसरे को नहीं दिया प्रभार: राज्य सूचना आयोग के निर्देश पर डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने मामले की जांच स्थापना उप समाहर्ता को सौंपा। स्थापना उप समाहर्ता ने जो जांच रिपोर्ट दी है उसके मुताबिक दुमका अंचल में 1995-96 का निवासी प्रमाण पत्र संधारण पंजी घनश्याम खिरहर के प्रभार में था। किसी दूसरे को उसका प्रभार नहीं दिया इसलिए जांच रिपोर्ट में खिरहर को दस्तावेज गायब रहने का दोषी पाया गया। अंचलाधिकारियों की भूमिका पर सवाल अंचल कार्यालय से एक साल का निवासी प्रमाण पत्र का दस्तावेज गायब होने के मामले में तत्कालीन अंचलाधिकारी की भूमिका की जांच नहीं हुई। यह सवाल भी उठ रहा है कि बाद के अंचलाधिकारियों को यह कैसे पता नहीं चला कि एक साल का निवासी प्रमाण पत्र का दस्तावेज गायब है। अंचलाधिकारियों को अगर पता चला तो मामले में पहले कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

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