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दुमका के कुलडीहा गांव में पेयजल की घोर किल्लत

दरबारपुर के कुलडीहा गांव में लोगों को पीने के पानी की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। हर साल यहां गर्मी में पानी की किल्लत हो जाती है। गांव में चार टोले में करीब 80 परिवार रहते हैं जिनकी कुल आबादी...

दरबारपुर के कुलडीहा गांव में लोगों को पीने के पानी की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। हर साल यहां गर्मी में पानी की किल्लत हो जाती है। गांव में चार टोले में करीब 80 परिवार रहते हैं जिनकी कुल आबादी...
1/ 3दरबारपुर के कुलडीहा गांव में लोगों को पीने के पानी की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। हर साल यहां गर्मी में पानी की किल्लत हो जाती है। गांव में चार टोले में करीब 80 परिवार रहते हैं जिनकी कुल आबादी...
दरबारपुर के कुलडीहा गांव में लोगों को पीने के पानी की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। हर साल यहां गर्मी में पानी की किल्लत हो जाती है। गांव में चार टोले में करीब 80 परिवार रहते हैं जिनकी कुल आबादी...
2/ 3दरबारपुर के कुलडीहा गांव में लोगों को पीने के पानी की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। हर साल यहां गर्मी में पानी की किल्लत हो जाती है। गांव में चार टोले में करीब 80 परिवार रहते हैं जिनकी कुल आबादी...
दरबारपुर के कुलडीहा गांव में लोगों को पीने के पानी की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। हर साल यहां गर्मी में पानी की किल्लत हो जाती है। गांव में चार टोले में करीब 80 परिवार रहते हैं जिनकी कुल आबादी...
3/ 3दरबारपुर के कुलडीहा गांव में लोगों को पीने के पानी की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। हर साल यहां गर्मी में पानी की किल्लत हो जाती है। गांव में चार टोले में करीब 80 परिवार रहते हैं जिनकी कुल आबादी...
हिन्दुस्तान टीम,दुमकाMon, 10 Jun 2019 02:10 AM
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दरबारपुर के कुलडीहा गांव में लोगों को पीने के पानी की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। हर साल यहां गर्मी में पानी की किल्लत हो जाती है। गांव में चार टोले में करीब 80 परिवार रहते हैं जिनकी कुल आबादी 400 से अधिक है। गांव में सात चापाकल है। केवल दो ही चापाकल ठीक है। गांव में जो दो कुआं है वह हर साल गर्मी मं सूख जाती है। इस साल मई में ही सूख गई। स्थिति यह है कि लोग झरना या डोभा का पानी पीने को मजबूर हैं। सितुग टोला में अर्जुन मुर्मू के घर के सामने का चापाकल भी कई महीनों से ख़राब है। जो थोड़ा पानी आने के बाद बंद हो जाता है, लगातार पानी नही आता है। ग्रामीणों ने पानी की समस्या दूर करने की गुहार अधिकारी से लेकर नेता तक कर चुके हैं पर समस्या का समाधान नहीं हो सका है। ग्रामीणों ने सरकार और जिला प्रशासन से एक बार फिर मांग किया है कि सभी खराब चापाकलों को मरम्मत किया जाए। गांव में सोलर पानी टंकी की व्यस्था करने और नए चापाकल लगाने की मांग की गई। सागर हेम्ब्रोम, निर्मल हेम्ब्रोम, गिरीश टुडू, बाबुराम मुर्मू, अर्जुन मुर्मू, पोरमे सोरेन, जूहीराम सोरेन, रोजमेरी सोरेन, मीरू मरांडी, सकदी हांसदा, शांति हेम्ब्रोम, सुमिता मुर्मू, सेबंती हेम्ब्रोम, बहामुनी हांसदा, पिंकी टुडू, पकु मरांडी सिंह ने पानी की समस्या पर सरकार की उदासीनता पर नाराजगी जताई।

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