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...और धीरे-धीरे घर-परिवार में आने लगीं खुशियां

मेरा नाम राजेंद्र प्रसाद साह है। मेरा जन्म 07 जून 1966 को दुमका में हुआ। मां इंद्रा देवी है और पत्नी तिलोत्तमा देवी हैं। मेरे चार लड़के और एक लड़की...

...और धीरे-धीरे घर-परिवार में आने लगीं खुशियां
हिन्दुस्तान टीम,दुमकाFri, 14 Sep 2018 10:22 PM
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मेरा नाम राजेंद्र प्रसाद साह है। मेरा जन्म 07 जून 1966 को दुमका में हुआ। मां इंद्रा देवी है और पत्नी तिलोत्तमा देवी हैं। मेरे चार लड़के और एक लड़की है। सबका पालन-पोषण मैंने अखबार बेच कर ही किया है। मैंने 1987 से अखबार बेचने का काम शुरू किया था। उस समय हिन्दी अखबार 1.40 रुपए और इंग्लिश 1.00 रुपये में आता था। शुरुआत में जीविका चलाने में दिक्कतें आईं, फिर भी मैं लगा रहा और अख़बार बेचने का काम करता रहा। पहले दिन 30 अखबार लिए थे। काम धीरे-धीरे बढ़ता चला गया। हिन्दुस्तान समेत अन्य समाचार पत्र घर-घर तक पहुंचाए।मुझे खुशी है कि अखबार का काम करके ही जमीन खरीदी, घर बनाया और अपनी लड़की का विवाह किया। आज मेरे बेटे भी अखबार का ही काम कर रहे हैं। मेरा परिवार खुशी-खुशी जीवन बिता रहा है। यह सब अख़बार की वजह से है और अपने परिवार के साथ बहुत खुश हूं। हिन्दुस्तान ने अपना मित्र घोषित कर प्रशंसनीय कार्य किया है। इससे हमारा और परिवार का मनोबल बढ़ा है।

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