छात्रों की पिटाई किए जाने के विरोध में दुमका शहर में निकला जन आक्रोश रैली
छात्रों ने शहर में रैली निकालकर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन आयुक्त को सौंपा छात्रों ने शहर में रैली निकालकर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन आयुक्त को...
दुमका, प्रतिनिधि।
पाकुड़ जिला में आदिवासी छात्रावास में पुलिस द्वारा छात्रों की पिटाई किए जाने के विरोध में छात्र समन्वय समिति के बैनर तले जन आक्रोश रैली शनिवार को एसपी कॉलेज निकाली गयी। जन आक्रोश महारैली में झारखंड के मुख्यमंत्री एवं पाकुड़ प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया गया। रैली का नेतृत्व छात्र नेता श्यामदेव हेंब्रम ने किया। इस जनआक्रोश रैली में बोरियो के पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम मौजूद थे। इस दौरान दोषी पुलिस अधिकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर आदिवासी छात्र-छात्राओं ने पारंपरिक हथियारों के साथ नजर आए। आक्रोश महारैली शहर भर में भ्रमण कर आयुक्त कार्यालय पहुंची, जहां पर रैली सभा में तब्दील हो गई। पूर्व विधायक ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमलोगों ने रैली विवश होकर निकाली है। जिस प्रकार केकेएम कॉलेज पाकुड़ के छात्रावास में आधी रात को पुलिस ने घुसकर छात्रों की पीटकर घायल कर दिया है। यह घटना घटना निंदनीय है। दोषी पुलिस अधिकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ सरकार कार्रवाई करें। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऊपर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस पर राज्य के मुखिया हेमंत सोरेन चुप्पी साधे हुए है। इसलिए आज हम लोग विवश होकर जन आक्रोश महारैली निकाली है। लोबिन हेंब्रम ने कहा कि जिस प्रकार से पुलिस ने छात्रों को मारा है,पर पुलिस पर अब तक केस दर्ज नहीं किया गया है। इससे हमलोगों में आक्रोश है। साथ-साथ बंग्लादेशी घुसपैठ आदिवासियों के हक व अधिकार का हनन कर रही है, जबकि सरकार के पास एक्ट रहते हुए भी उसपर अमल नहीं कर रही है। यह सरकार बंग्लादेशी घुसपैठ को एक वोट बैंक बनाकर अपने तरीके से उपयोग में ला रही है इसलिए सरकार बंग्लादेशी घुसपैठ पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। यदि सरजमीन पर जाकर देखें, तो सच में आदिवासियों की जमीन हड़प कर उन्हें लूट जा रहा है। केवल पाकुड़ में ही नहीं,बल्कि सभी जिलों में बंग्लादेशी घुसपैठ जारी है। इसलिए आज आदिवासी को जागरूक होकर अपने अधिकार के लिए लड़ाई लड़ने की आवश्यकता है। छात्र नेता श्यामदेव हेंब्रम ने कहा कि जिस तरह से पाकुड़ केकेएम कॉलेज छात्रावास में पुलिस ने घुसकर छात्रों को बेहरमी से पीटा है। उसका हम लोग जितना भी कड़ी निंदा करें वह कम है। छात्र नेता राजीव बास्की ने कहा कि हम लोगों की मांग है कि उस घटना में जितने भी सम्मिलित पदाधिकारी हैं उन्हें बर्खास्त किया जाए। छात्र नेता राजेंद्र मुर्मू ने कहा कि छात्रावास में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की यह बहुत ही गंभीर मामला है। इस दौरान समिति ने सभा के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम आयुक्त को आठ सूत्री मांग पत्र सौपा।
क्या है आदिवासी छात्रों की मांग
मांग पत्र के माध्यम से बताया कि छात्रों के साथ मारपीट में शामिल 150 पुलिस वालों की पहचान कर अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जाए। बंग्लादेशी व विदेशी व्यक्तियों को चिहिन्त कर नजरबंद करने की व्यवस्था किया जाए। भारत के अन्य राज्य के मूल निवासियों द्वारा दानपत्र से लिए गए जमीन में रहने वाले लोगों को चिहि्न्त कर किसी भी लाभ लेने से रोक लगाने की व्यवस्था किया जाए। आदिवासियों की घटती जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए बाहर के मूल निवासी को अलग से गणना निर्धारित किया जाए सहित अन्य कई मांगे शामिल है। मौके पर छात्र नेता श्याम देव हेंब्रम, राजीव बास्की, राजेंद्र मुर्मू, ठाकुर हांसदा, केराप मुर्मू, विवेक हांसदा, मंगल सोरेन, मनोज टुडू, राज सोरेन, बाबूराम सोरेन, कोर्नेलियस किस्कू, विजय सिंह हांसदा, रवींद्र मरांडी, आशा सोरेन, नीलम मुर्मू, बिटिया टुडू, वीरेंद्र किस्कू आदि शामिल थे।
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