
82वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन
संक्षेप: दुमका, प्रतिनिधि।82वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन82वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन82वीं वर्षगांठ के अवसर पर ए
दुमका, प्रतिनिधि।स्वतंत्रता संग्राम के स्वर्णिम अध्याय अगस्त क्रांति की 82वीं वर्षगांठ के अवसर पर एसपी कॉलेज के इतिहास विभाग ने एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया। मुख्य अतिथि सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के इतिहास स्नातकोत्तर विभाग से डॉ अमिता कुमारी ने कहा कि अगस्त क्रांति भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण घटना थी, जो 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के रूप में जानी जाती है। कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन एक जन आंदोलन था, जिसमें देश भर के लोगों ने भाग लिया और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ संघर्ष किया। प्राचार्य डॉ यादव ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा अगस्त क्रांति केवल एक आंदोलन नहीं, बल्कि यह भारत की स्वतंत्रता यात्रा का वह निर्णायक मोड़ था, जिसने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी थी।

एसपी कॉलेज इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. सुमित्रा हेम्ब्रम ने अगस्त क्रांति के पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 8 अगस्त 1942 को बंबई (अब मुंबई) में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के अधिवेशन में महात्मा गांधी ने करो या मरो का आह्वान किया, जिसने पूरे देश में आजादी की लौ प्रज्वलित कर दी। कार्यक्रम के अंत में डॉ. अविनाश हांसदा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और सभी अतिथियों, प्रतिभागियों तथा आयोजकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ कुमार सौरभ ने कहा कि इस तरह के आयोजन युवा पीढ़ी को अपने अतीत से जोड़ने और राष्ट्रभक्ति की भावना प्रबल करने में अत्यंत सहायक हैं। कार्यक्रम का नेतृत्व इतिहास विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ कमल शिवकांत हरि ने किया। इतिहास विभाग के विद्वान शिक्षक डॉ सत्यम कुमार द्वारा संचालित किया गया।

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