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जेल अदालत में दोष स्वीकार करने पर 3 बंदी हुए रिहा

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में रविवार को सेंट्रल जेल में जेल अदालत का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता प्राधिकार के सचिव निशांत कुमार ने किया। अदालत ने दो अलग-अलग मामले में दोष स्वीकार...

जेल अदालत में दोष स्वीकार करने पर 3 बंदी हुए रिहा
हिन्दुस्तान टीम,दुमकाMon, 18 Jun 2018 01:13 AM
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जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में रविवार को सेंट्रल जेल में जेल अदालत का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता प्राधिकार के सचिव निशांत कुमार ने किया। अदालत ने दो अलग-अलग मामले में दोष स्वीकार करने पर आरोपियों को एसडीजेएम प्रताप चंद्र की अदालत ने एक महिला सहित तीन को रिहा करने का आदेश दिया। रिहा होने वाले सभी गोपीकांदर थाना क्षेत्र के अमीन उर्फ रामदास हेंब्रम एवं रानी बेसरा शामिल है। अभियुक्त रामदास के विरुद्ध भादवि की धारा 341, 323, 504/34 के तहत मामला दर्ज किया गया था। जिसमंे न्यायालय ने दोषी करार देते हुए आठ माह का सजा सुनाया था। वहीं इसी मामले में रानी बेसरा चार माह चार दिन का सजा हुआ था। दूसरा मामला गोपीकांदर थाना क्षेत्र की है। जिसमें लखन देहरी के विरुद्ध भादवि की धारा 341, 323 के तहत मामला दर्ज किया गया था। न्यायालय ने दोषी करार देते हुए चार माह चार दिन का सजा सुनाया था। अदालत में जेएम वन बंकिमचंद्र चटर्जी, प्रोवेशन सिविल जज जितेंद्र राम, कारा अधीक्षक भागीरथ कारजी, पैनल अधिवक्ता राकेश कुमार यादव, किरण तिवारी एवं बमशंकर उपस्थित थे। इस अवसर पर महिला वार्ड में प्राधिकार की ओर से एक माह पूर्व प्रदत्त कम्प्यूटर की जांच किया गया। प्राधिकार द्वारा बीते 16 मई से आयोजित 10 दिवसीय विशेष शिविर में दिए निर्देश और सुविधाओं का निरीक्षण किया।

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