ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News झारखंड धनबादगोल्फ ग्राउंड से बसों में ठूंसकर भेजे जा रहे मजदूर

गोल्फ ग्राउंड से बसों में ठूंसकर भेजे जा रहे मजदूर

पिछले दो दिन में धनबाद पहुंची 10 ट्रेनों ने गोल्फ ग्राउंड में बसों की व्यवस्था ही बिगाड़ दी। इतनी संख्या में मजदूरों के पहुंचने के बाद अचानक बसों का टोटा हो...

गोल्फ ग्राउंड से बसों में ठूंसकर भेजे जा रहे मजदूर
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,धनबादTue, 26 May 2020 02:48 AM
ऐप पर पढ़ें

पिछले दो दिन में धनबाद पहुंची 10 ट्रेनों ने गोल्फ ग्राउंड में बसों की व्यवस्था ही बिगाड़ दी। इतनी संख्या में मजदूरों के पहुंचने के बाद अचानक बसों का टोटा हो गया। मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में अधिकारी रात- दिन हांफते रहे। स्थिति यह थी कि रात में आए मजदूरों को अगले दिन दोपहर में बस में जगह मिली। रात में एक ओर जहां उमस भरी गर्मी में सैकड़ों मजदूर शिविरों और बसों में फंसे रहे, तो वहीं दूसरी ओर चिलचिलाती धूप में भी अपनी बारी के इंतजार में सुबह से शाम और शाम से रात हो गई

भारी भीड़ ने तोड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की दीवार

भारी भीड़ के कारण सोमवार को गोल्फ ग्राउंड में सोशल डिस्टेंसिंग की खूब धज्जियां उड़ी। गोल्फ ग्राउंड में बने शिविर में एक ओर जहां मजदूरों को भर कर रखा गया था, वही बसों में भी ठूंस -ठूंस कर मजदूरों को बैठाया गया। जब तक बसें पूरी तरह भर नहीं गईं, तब तक बसों को उनके गंतव्य स्थान के लिए रवाना नहीं किया गया। स्थिति यह थी की एक सीट पर तीन यात्री और स्लीपर में चार-चार मजदूरों को बैठाया गया था।

धनबाद का टिकट कटा कर बिहार के 450 चार सौ मजदूर पहुंचे

रविवार की रात और सोमवार की सुबह आई ट्रेनों से 450 से भी अधिक बिहार के मजदूर धनबाद पहुंच गए। चेन्नई से धनबाद पहुंचे मो अकरम ने बताया कि वह चेन्नई में कुक का काम करता है। लॉक डाउन में वहीं फंस गया था, लेकिन बिहार जाने के लिए कोई ट्रेन नहीं मिल रही थी तो मजबूरन धनबाद का पता बता कर यहां आ गए। बताया कि उसके साथ 65 लोग और हैं जो बिहार जाएंगे। बिहारशरीफ के रहने वाले गोरेलाल पासवान ने बताया कि सुबह 6:30 बजे पहुंचे हैं, लेकिन अभी तक उनके घर जाने की व्यवस्था नहीं हुई है। वहीं चतरा के सिकंदर ने बताया कि उनके साथ 19 आदमी हैदराबाद से आए हैं। सुबह छह बजे से एक बस में बैठा दिया गया है। अधिकारियों से पूछने पर बताया जाता है कि जब तक बस पूरी तरह से भर नहीं जाती, तब तक बसें नहीं खुलेगी। सोमवार की रात 9:30 बजे बेंगलुरु से पहुंची ट्रेन से आए मजदूरों से जब यह बस भरी तो उन्हें चतरा उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया गया। इन लोगों को 15 घंटे गोल्फ ग्राउंड में ही गुजारनी पड़ी।

सीट लूटने के लिए मजदूरों की जद्दोजहद

बिहार जानेवाले मजदूरों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। बिहार जाने वाले लोगों को बसों में सीट लूटने के लिए भी काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। शिविर से जैसे ही बिहार जाने वाली बस का अनाउंसमेंट हुआ गाड़ी तक पहुंचने के लिए मजदूरों ने दौड़ लगा दी। कड़ी दोपहर में दौड़ लगाते और आपा-धापी में कई महिलाएं- बच्चे अपने बोझ समेत गिर पड़े। बस में चढ़ने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की खूब धज्जियां उड़ीं।

डीसी ने संभाला मोर्चा

अचानक इतनी संख्या में आए मजदूरों के कारण बिगड़ते हालात को देखते हुए सोमवार की दोपहर डीसी तमाम अधिकारियों के साथ गोल्फ ग्राउंड पहुंचे और मोर्चा संभाला। उपायुक्त के रहते कुछ समय तक तो स्थिति सामान्य रही लेकिन उनके जाते ही फिर से वही स्थिति हो गई।

विधानसभा चुनाव 2023 के सारे अपड्टेस LIVE यहां पढ़े