एक मोटर रहा बंद, पांच जलमीनार से नहीं हुई सप्लाई
शहर के डेढ़ लाख की आबादी मंगलवार को पानी संकट से परेशान रही। सुबह से रात तक जलापूर्ति व्यवस्था चलने के बाद भी पांच जलमीनारों से सप्लाई नहीं हो सकी। लोग पानी के लिए भटकते रहे। विभाग पूरे शहर को एक...
शहर के डेढ़ लाख की आबादी मंगलवार को पानी संकट से परेशान रही। सुबह से रात तक जलापूर्ति व्यवस्था चलने के बाद भी पांच जलमीनारों से सप्लाई नहीं हो सकी। लोग पानी के लिए भटकते रहे। विभाग पूरे शहर को एक वक्त भी पानी नहीं दे पा रहा है। वहीं झरिया के लोगों को राहत देने के लिए मैथन के पानी को छोड़ा गया। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सहायक अभियंता राहुल प्रियदर्शी ने बताया कि भेलाटांड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में मैथन से कम पानी आने के कारण एक मोटर को बंद करना पड़ा। सुबह 7.10 बजे से दोपहर के 2.15 बजे तक फेज टू का मोटर बंद था। इसके कारण पुलिस लाइन, स्टीलगेट, मेमको, भूली व पॉलीटेक्निक जलमीनार नहीं भरा पाया।
दूसरे वक्त नहीं मिला पानी
एक वक्त ही पूरे शहर में सप्लाई नहीं हो पाने के कारण दूसरे वक्त कहीं भी सप्लाई नहीं हो सकी। झरिया के लोग जहां हड़ताल के कारण पानी संकट झेल रहे है। वहीं शहर के लोग सिस्टम की खामियों के कारण पानी संकट झेलने को मजबूर है।
चार लाख की आबादी निर्भर
जलापूर्ति सिस्टम पर चार लाख की आबादी निर्भर है। दोनों वक्त सप्लाई हो इसके लिए पहल करने की जगह खानापूर्ति हो रही है। मजबूरन लोगों को दूसरे स्त्रोत से पानी लेकर काम चलाना पड़ रहा है।