ट्रीटमेंट प्लांट बंद कर कर्मियों का धरना, डेढ़ लाख लोग पानी को तरसे
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद कर शुक्रवार को मानदेय के लिए ठेका मजदूर धरना पर बैठ गए। इससे शहर की छह जलमीनारों से जलापूर्ति नहीं...
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद कर शुक्रवार को मानदेय के लिए ठेका मजदूर धरना पर बैठ गए। इससे शहर की छह जलमीनारों से जलापूर्ति नहीं हुई। इससे डेढ़ लाख से अधिक की आबादी को पानी को तरस गई। अधीक्षण अभियंता रघुनंदन शर्मा ने फोन पर ठेका मजदूरों को शुक्रवार तक मानदेय भुगतान का आश्वासन दिया। इसके बाद सभी कर्मचारी अपने अपने काम पर लौट गए।
बता दें कि भाटेक एजेंसी के अधीन 90 लोग कार्य कर रहे हैं। जिन्हें कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में भी दो माह से मानदेय नहीं मिल रहा है। यह तीसरा महीना है। ठेका मजदूरों ने मानदेय भुगतान को लेकर पूर्व में भी अधिकारियों से गुहार लगायी थी। इसपर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक हरेन्द्र मिश्रा ने दो बार समय देने के बावजूद लोगों को मानदेय भुगतान नहीं किया। इसके विरोध में शुक्रवार को मजदूर काम छोड़कर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट कैंपस में ही धरना पर बैठ गए। मजदूरों का कहना है कि शुक्रवार तक अगर मानदेय नहीं मिलता है तो जलापूर्ति पूरी तरह ठप कर बेमियादी हड़ताल पर चले जाएंगे। ठेका मजदूरों के काम बंद करने से बरमसिया, पुलिस लाइन, मेमको, भूली, पॉलीटेक्निक, हिल कॉलोनी जलमीनार से जलापूर्ति नहीं हुई। विभाग का कहना है कि शनिवार को इस क्षेत्र में जलापूर्ति कर दी जाएगी। वहीं पानी नहीं मिलने से लोगों को विभिन्न प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ा।