बैकों की हड़ताल से दो सौ करोड़ का लेन-देन प्रभावित
बैंकों के विलय के विरोध में मंगलवार को एसबीआई और को-ऑपरेटिव बैंक छोड़कर अन्य बैंक कर्मी एकदिवसीय हड़ताल पर...
बैंकों के विलय के विरोध में मंगलवार को एसबीआई और को-ऑपरेटिव बैंक छोड़कर अन्य बैंक कर्मी एकदिवसीय हड़ताल पर रहे। हड़ताल से दो सौ करोड़ का लेन-देन प्रभावित हुआ। कर्मचारियों ने झारखंड प्रदेश बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन के बैनर तले बैंक मोड़ स्थित सिंडिकेट बैंक के पास प्रदर्शन किया। एसोसिएशन के महासचिव प्रभात चौधरी ने बताया कि 15 सौ कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इस दौरान करीब दो सौ का लेन-देन प्रभावित हुआ है। साथ ही कहा कि पंजाब नेशनल बैंक के साथ ओरिएंटल और यूनाइटेड बैंक मर्ज कर दिया गया है। वहीं केनरा को सिंडिकेट बैंक, इंडियन बैंक के साथ इलाहाबाद बैंक और यूनियन बैंक के साथ आंध्रा और कॉरपोरेशन बैंक मर्ज किया गया, जिसका एसोसिएशन विरोध करती है। इससे पहले भी सरकार एसबीआई बैंक में विजया बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और देना बैंक का विलय कर चुकी है, जिससे छह हजार 950 शाखाएं बंद कर दी गईं। बैंक ऑफ बड़ौदा की 900 शाखाएं बंद करने की योजना है। ऋण वसूली में समस्या हो रही है। बैंकों के बढ़ते घाटे की भरपाई के लिए ग्राहकों का सर्विस चार्ज बढ़ाया जा रहा है। सरकार की मंशा है कि बैंक बड़ा बनाने से बड़ा ऋण आसानी से दिए जा सकते हैं, जो बैंकिंग उद्योग के लिए खतरा साबित होगा। आज खराब ऋणों का 75 प्रतिशत हिस्सा बड़े कॉरपोरेट घरानों का है। बड़े ऋण होने से यह प्रतिशत और भी बढ़ेगा, जिससे बैंकों की वित्तीय हालत और खराब होगी। सभा की अध्यक्षता ईश्वर प्रसाद ने की। प्रदर्शन करने वाले में एनके महाराज, एसवी मित्रा, सुनील कुमार, संदीप वासन, अशोक रजक समेत अन्य लोग मौजूद थे।