जन्म-मृत्यु पोर्टल में फिर आई खराबी, प्रमाणपत्र बनना बंद
धनबाद नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने का कार्य तकनीकी खराबी के कारण रुका हुआ है। केंद्र सरकार के सिविल रजिस्ट्रेशन पोर्टल (सीआरएस) के अपग्रेडेशन के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है। सितंबर तक...
धनबाद, प्रमुख संवाददाता नगर निगम में एक महीने तक बंद रहने के बाद जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने का काम 20 जुलाई से शुरू हुआ था। लगभग 15 दिनों तक पोर्टल से काम करने के बाद एक बार फिर से तकनीकी खराबी आ गई है। पोर्टल में बार-बार एरर आ रहा है। निगम ने काउंटर में लिंक फेल का बोर्ड लगाकर काम बंद कर दिया है।
केंद्र सरकार द्वारा जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने के लिए बनाए गए सिविल रजिस्ट्रेशन पोर्टल (सीआरएस) अपडेट करने की वजह से धनबाद समेत पूरे झारखंड में प्रमाणपत्र बनाने का काम ठप था। धनबाद में 26 जून से 19 जुलाई तक जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने का काम ठप पड़ा हुआ था। इस दौरान नगर निगम में 800 से अधिक आवेदन लंबित हो गए थे। 20 जुलाई से काम शुरू हुआ तो लंबित आवेदनों को बनाने का काम शुरू किया गया। लगभग 20 दिनों में लगभग हर दिन लिंक फेल होने की समस्या आई। नगर निगम कार्यालय आनेवाले लोग लिंक फेल से परेशान हैं। दूर-दराज से आने वाले लोगों को बैरंग लौटना पड़ता है। काउंटर पर लिंक फेल का बोर्ड लगाकर छोड़ दिया जाता है।
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सितंबर के बाद समस्या से मिलेगा स्थाई समाधान
सिविल रजिस्ट्रेशन पोर्टल (सीआरएस) के अपग्रेडेशन में आ रही तकनीकी खराबी को दूर करने में अभी सितंबर तक का इंतजार करना होगा। नगर विकास विभाग ने इसकी सूचना सभी नगर निकायों को दी है। मतलब अगले दो महीने तक लोगों को यह परेशानी झेलनी होगी। नगर निगम में हर दिन 40-50 आवेदन जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने के लिए आते हैं।
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प्रमाणपत्र बनाने के नियमों में किया गया है बदलाव
केंद्र सरकार ने नए सीआरएस में कई नियमों का बदलाव किया है। अब जन्म प्रमाणपत्र बनाने में तीन साल से अधिक उम्र के बच्चे का आधार कार्ड देना अनिवार्य किया गया है। वहीं मृत्यु प्रमाणपत्र में शमशान घाट से मिले पेपर के साथ आवेदक को अपना आधार कार्ड और मोबाइल नंबर भी देना होगा।
दिनभर बंद रहा आभा ऐप, मरीज परेशान
धनबाद। स्किप द क्यू के तहत धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ओपीडी में शुक्रवार को मरीजों का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ। आभा मोबाइल ऐप काम ही नहीं कर रहा था। इससे मरीजों को परेशानी हुई। बता दें कि आभा एप से टोकन नंबर जनरेट करवाने वाले मरीजों को ओपीडी रजिस्ट्रेशन के लिए अलग काउंटर बना है। वहां मरीजों को ज्यादा देर कतार में नहीं लगना पड़ता है। शुक्रवार को आभा एप काम नहीं कर रहा था। इसके कारण लोगों को टोकन नंबर नहीं मिला और उन्हें कतार में खड़े होकर पर्ची बनवानी पड़ी। हालांकि शाम चार बजे के बाद आभा ऐप काम करने लगा था। तब तक अधिकांश मरीज जा चुके थे और ओपीडी का सभी काउंटर खाली हो चुका था।
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