टैक्सी को ई-पास से छूट लेकिन मनमाने भाड़े की निगरानी नहीं
ट्रेन से उतरे यात्रियों की मजबूरी का टैक्सी चालक खुब फायदा उठा रहे हैं। वहीं ऑटो स्टैंड में भी भाड़े को लेकर यात्रियों और चालकों में किचकिच नित्य...
टैक्सी को ई-पास से छूट, लेकिन भाड़े की निगरानी नहीं
धनबाद, कार्यालय संवाददाता
ई-पास की बाध्यता से ऑटो, ई- रिक्शा और टैक्सी को छूट दी गई है, लेकिन धरातल पर स्थिति यह है कि उन्हें मनमाना भाड़ा वसूलने की छूट मिल गई है। रेल यात्रियों की मजबूरी का टैक्सी चालक फायदा उठा रहे हैं। वहीं ऑटो स्टैंड में भी भाड़े को लेकर यात्रियों और चालकों में किचकिच हर दिन हो रही है। सोमवार की सुबह 11 बजे एलेप्पी एक्सप्रेस से उतरे यात्रियों की परेशानी देख औरों का दिल पसीज गया, लेकिन टैक्सी चालकों के लिए तो मानो आपदा में अवसर तलाशने जैसा था। देवघर, गिरिडीह, हजारीबाग, जामताड़ा जानेवाले यात्री चिलचिलाती धूप में कोई अपना सामान तो कोई बच्चों को लेकर बस के इंतजार में घंटों खड़े रहे। कई लोगों को तो यह भी पता नहीं था कि बस का परिचालन बंद है। टैक्सी बुक करने की बारी आई, तो कोई जिले से बाहर जाने के लिए पांच हजार मांग रहा है, तो कोई सात हजार रुपए तक की डिमांड कर रहा था। टैक्सी चालकों की मनमानी देखनेवाला कोई नहीं है। पिछले साल लॉकडाउन में टैक्सी चालकों की दर जिला प्रशासन ने तय की थी। इधर, टैक्सी चालक मो. मुमताज बताते हैं कि एक- दो ट्रेनें आती हैं। इनमें से कुछ ही यात्री बाहर जाने के लिए टैक्सी बुक कराते हैं। अब इतने सारे टैक्सी चालकों का पेट कुछ यात्रियों से तो नहीं भरेगा।