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पांच दिन स्टेशन पर बिताया, अब रैन बसेरा में कर रहे इंतजार

औरंगाबाद के सत्येन्द्रनाथ पाठक हो, मथुरा के रामरतन कुमार, आसनसोल के किशोरी राम या अन्य लोग...। दर्जनों लोग लॉकडाउन के बाद धनबाद में फंसे हुए...

औरंगाबाद के सत्येन्द्रनाथ पाठक हो, मथुरा के रामरतन कुमार, आसनसोल के किशोरी राम या अन्य लोग...। दर्जनों लोग लॉकडाउन के बाद धनबाद में फंसे हुए...
1/ 4औरंगाबाद के सत्येन्द्रनाथ पाठक हो, मथुरा के रामरतन कुमार, आसनसोल के किशोरी राम या अन्य लोग...। दर्जनों लोग लॉकडाउन के बाद धनबाद में फंसे हुए...
औरंगाबाद के सत्येन्द्रनाथ पाठक हो, मथुरा के रामरतन कुमार, आसनसोल के किशोरी राम या अन्य लोग...। दर्जनों लोग लॉकडाउन के बाद धनबाद में फंसे हुए...
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औरंगाबाद के सत्येन्द्रनाथ पाठक हो, मथुरा के रामरतन कुमार, आसनसोल के किशोरी राम या अन्य लोग...। दर्जनों लोग लॉकडाउन के बाद धनबाद में फंसे हुए...
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औरंगाबाद के सत्येन्द्रनाथ पाठक हो, मथुरा के रामरतन कुमार, आसनसोल के किशोरी राम या अन्य लोग...। दर्जनों लोग लॉकडाउन के बाद धनबाद में फंसे हुए...
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हिन्दुस्तान टीम,धनबादSun, 29 Mar 2020 02:33 AM
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औरंगाबाद के सत्येन्द्रनाथ पाठक हो, मथुरा के रामरतन कुमार, आसनसोल के किशोरी राम या अन्य लोग...। दर्जनों लोग लॉकडाउन के बाद धनबाद में फंसे हुए हैं। कोरोना वायरस के बचाव के मद्देनजर 22 मार्च को झारखंड में राज्य सरकार ने लॉकडाउन करते हुए राज्य की सीमाएं सील कर दी गईं। उसके बाद बसें चलनी बंद हो गईं। ट्रेनों का परिचालन पहले ही बंद हो गया था। ऐसे में धनबाद से बस पकड़कर दूसरे शहर जाने के लिए आनेवाले दर्जनों लोग यहां फंस गए हैं।

इनमें से कई लोगों ने तीन-चार दिन धनबाद रेलवे स्टेशन व उसके आसपास बिताए। अब नगर निगम की टीम ऐसे लोगों को चिह्नित कर रैन बसेरा पहुंचा रही है। शहर के विभिन्न रैन बसेरा में इन लोगों को आसरा मिला है। ये लोग अब लॉकडाउन खत्म होने व स्थिति सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि अपने परिवार के पास जा सके। रैन बसेरा में जमे इन लोगों का कहना है कि एक कमरे में बंद हूं। पूरे देश में लोग अपने परिवार संग है। हमलोग यहां पर अकेले हैं। बस एक ही बात सोचता हूं कि काश यहां के बदले अपने घर में रहता तो बच्चे व परिवार भी खुश रहते हैं। यह समय उनके साथ व्यतीत करता। उम्मीद है जल्दी स्थिति सामान्य होगी और हमलोग अपने परिवार संग होंगे।

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तीन दिन स्टेशन पर बिताए : सत्येन्द्र

सत्येन्द्रनाथ पाठक रांची से औरंगाबाद जा रहे थे। 23 मार्च की सुबह धनबाद स्टेशन पर पहुंचे तो पूरे भारत में लॉकडाउन की घोषणा हो गई। इस कारण वे अब आगे नहीं जा सकते हैं। 26 मार्च की सुबह तक रेलवे स्टेशन में किसी तरह से काटा। खाने-पीने में भी मुश्किल हो रही थी। उसके बाद नगर निगम की टीम की नजर उनपर पड़ी। टीम उन्हें रैन बसेरा लेकर आई। अब वे रैन बसेरा में इस उम्मीद से हैं कि जल्द ही कोई व्यवस्था होगी और अपने घर जा सकेंगे। रैन बसेरा में तीन वक्त खाना और रहने की सुविधा मिलने की बात पर कहते हैं कि निगम की इस सुविधा से काफी राहत है। बस अपने परिवार से दूर हूं।

मथुरा जाना है, नौ दिन से धनबाद में हूं : रामरतन

मथुरा जाने के लिए 21 मार्च को रामरतन कुमार रांची से धनबाद पहुंचे थे। उसके बाद अगले दिन से ट्रेनें बंद होने से वे आगे नहीं जा सके। रामरतन ने कहा कि 21 से 26 मार्च तक मैंने स्टेशन पर ही बिताया। नगर निगम की टीम लेकर रैन बसेरा लेकर आई। आज तीसरा दिन है। धनबाद में मेरा नौंवा दिन है। जल्द से जल्द स्थिति में सुधार हो, ताकि मथुरा जा सकूं। रामरतन निशुल्क खाने-पीने की सुविधा देने के लिए निगम को धन्यवाद देते हैं।

रैन बसेरा बना आठ लोगों का बसेरा

नगर निगम की ओर से गोल्फ ग्राउंड के निकट संचालित रैन बसेरा के कर्मी तेज बहादुर का कहना है कि शहर में बाहर के फंसे लोगों को नगर निगम की टीम चिह्नित कर यहां ला रही है। यहां पर सोने के साथ-साथ खाना भी निशुल्क दिया जा रहा है। 30 लोगों के रहने की क्षमता है। अभी आठ लोग रह रहे हैं। शहर के अन्य रैन बसेरा में भी निगम की ओर से कई लोगों को रखा गया है।

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