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...तो आग पर बसा झरिया शहर बन जाएगा टापू

झरिया मास्टर प्लान बन चुका है है। चिह्नित भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्रों से बीसीसीएल ने अपने कर्मियों को हटाने का काम युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है। जरेडा के जिम्मे गैर बीसीसीएल कर्मियों को...

...तो आग पर बसा झरिया शहर बन जाएगा टापू
विष्णुकांत तिवारी,झरिया।Fri, 02 Jun 2017 12:56 PM
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झरिया मास्टर प्लान बन चुका है है। चिह्नित भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्रों से बीसीसीएल ने अपने कर्मियों को हटाने का काम युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है। जरेडा के जिम्मे गैर बीसीसीएल कर्मियों को हटाना रहेगा। मास्टर प्लान मूर्त रूप लेता है तो कुछ ही महीनों में झरिया टापू बन जाएगा।
झरिया में सौ साल से ज्यादा समय से जमीन के अंदर कोयला सुलग रहा है। इसके चलते वहां जमीन धंस रही है, जिसके अंदर जिंदगियां समा रही हैं। जगह-जगह गैस का रिसाव हो रहा है। पिछले दिनों देखते ही देखते बाप-बेटा गोफ बनने से जमीन में समा गए थे। इसके बाद कई और जगहों पर गोफ बनने, गैस और आग की लपटें निकलने की घटनाएं हुईं। उसके बाद मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने दौरा किया। प्रभावित क्षेत्रों का नक्शा देखा और साफ कहा कि 71 अति खतरनाक इलाकों को जल्द से जल्द खाली कराया जाए।
इसके बाद बीसीसीएल के सभी क्षेत्रों में अधिकारियों ने बैठककर कंपनी आवास में रहने वाले कर्मियों की सूची तैयार की। सभी कर्मियों को आवास आवंटित किया जाएगा। आवंटित आवास में नहीं जाने पर कार्रवाई होगी। झरिया के बस्ताकोला, लोदना में अधिकारियों ने बैठक की है। सर्वेयरों, पीओ और अन्य संबंधित कर्मियों को यह आदेश दिया गया  कि जल्द से जल्द फायर एरिया से कर्मियों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया जाए।
झरिया शहर का 60 प्रतिशत इलाका आग की जद में : मास्टर प्लान के लागू होते ही झरिया टापू बन जाएगा। झरिया शहर के चारों तरफ का इलाका अग्नि और भू -धंसान प्रभावित क्षेत्र में है। शहर का 60 प्रतिशत इलाका मास्टर प्लान की जद में है। शहर के अंदर चौथाई कुल्ही, हुसैनाबाद, धर्मनगर, खास झरिया, बोर्रागढ़, शिमला बहाल, कतरास मोड़ सिंहनगर, लोअर चौथाईकुल्ही, पुराना राजागढ़, बकरीहाट, कोइरी बांध के कई मुहल्ले, बाटा मोड़ से लेकर बनियाहीर हनुमानगढ़ी तक मेन रोड के बाईं तरफ देशबंधु सिनेमा, बलियापुर स्टैंड, गुजराती मुहल्ला, नई दुनिया, बालू गद्दा, चार नंबर सब्जी बागान, सुराटांड़, फुलारीबाग, शमशेर नगर, होरिलाडीह, भगतडीह, वाटर बोर्ड कॉलोनी, बस्ताकोला, एना इस्लामपुर, इंडस्ट्री आदि मास्टर प्लान के अंतर्गत हैं। वहीं घनुडीह, गोलकडीह, जयरामपुर, तिसरा, बागडिगी, लोदना, जीनागोरा, बरारी आदि पूरी तरह से अग्नि प्रभावित क्षेत्र हैं। पूर्वी झरिया क्षेत्र में भौंरा, सुदामडीह, पाथरडीह अजमेरा से  लेकर मोहलबनी तक का इलाका शामिल है।
कई वार्ड हो जाएंगे गायब : झरिया शहर ही नहीं धनबाद नगर निगम के कई वार्ड भी हो जाएंगे गुम। वार्ड 34 से  लेकर 50 तक सभी प्रभावित होंगे। किसी वार्ड में पूरा तो किसी में थोड़ा। सबसे अधिक 37, 45, 47, 48, 44, 43, 46, 50, 52, 51, 34, 35 प्रभावित होंगे।
आरएसपी और जलागार पहले होगा शिफ्ट : मास्टर प्लान में आरएसपी और जलागार को पहले हटाया जाएगा। जामाडोबा में आरएसपी कॉलेज खोलने के लिए दस एकड़ की जमीन उपलब्ध होने की बात कही जा रही है। पिछले दिनों विश्वविद्यालय हजारीबाग और मानव संसाधन मंत्रालय की टीम ने बनियाहीर मैदान में बने अस्पताल भवन और जामाडोबा पुटकी रोड में खाली जमीन का निरीक्षण किया है। संभवत: जामाडोबा में कॉलेज ले जाने की तैयारी चल रही है। कॉलेज और जलागार हटते ही आबादी को हटाने का काम शुरू हो जायेगा।

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