लंबे वक्त से नहीं आनेवाली छात्रा की सीट पर दूसरी बच्ची का चयन करें
डीईओ प्रबला खेस ने कहा कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों व झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय में उपस्थिति मुद्दा नहीं होनी चाहिए। छात्राओं की...

धनबाद, मुख्य संवाददाता
डीईओ प्रबला खेस ने कहा कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों व झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय में उपस्थिति मुद्दा नहीं होनी चाहिए। छात्राओं की शत-प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है। विशेष परिस्थिति में ही बच्चियों को घर जाने के लिए छुट्टी दी जाए। अभिभावक को बता दें कि दो-तीन दिन में लौट आना है। बेवजह बच्चियों को घर नहीं भेजें। जो बच्ची लगातार नहीं आती हैं, उनके घर में पत्राचार करके अथवा सूचना देकर बात करें। लंबे समय से अनुपस्थित छात्रा के नहीं आने पर उसकी सीट पर दूसरी बच्ची का चयन किया जाए। महीने के पहले सप्ताह में सभी लड़कियों को छात्रवृत्ति की राशि मिल जानी चाहिए। सोमवार को जिला कार्यालय में डीईओ प्रबला खेस व व डीएसई इंद्रभूषण सिंह ने वार्डेन के साथ समीक्षा बैठक कर निर्देश दिया।
डीएसई ने कहा कि आवासीय स्कूल में बेहतर माहौल दें। यह देखें कि कहां सुधार की जरूरत है। प्रैक्टिस सेट ज्यादा से ज्यादा बनवाया जाए। सतत मूल्यांकन भी करें। मैट्रिक एवं इंटर के परीक्षाफल की चर्चा करते हुए अधिकारियों ने कहा कि जब लड़कियां 24 घंटे विद्यालय में रहती हैं। उसके बाद भी मैट्रिक में चार और इंटर में तीन लड़कियां तृतीय श्रेणी से पास हुईं। इंटर कॉमर्स में एक और मैट्रिक में एक छात्रा मार्जिनल में है। सभी शिक्षक इस पर ध्यान केंद्रित करे। नामांकन के विषय में कहा गया कि जिन बच्चियों का नामांकन नहीं हो पाया है। उनको तीन दिन का समय देते हुए द्वितीय सूचना दी जाए। यदि बच्चियां नहीं आती हैं तो प्रतीक्षा सूची से बच्चियों का चयन कर लिया जाए। रिक्त सीट के लिए प्रखंड स्तरीय समिति से सूची अनुमोदित कराकर जिला को भेजें। वेंडर या कोई भी कर्मी बिना आईकार्ड के स्कूल परिसर में प्रवेश नहीं करे। बैठक में क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी मिथिला टुडू, प्रभाग प्रभारी डॉ मीतू सिन्हा समेत अन्य मौजूद थी।
