ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों ने शहरी स्कूलों को पीछे छोड़
शहरी क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को ग्रामीण के छात्र-छात्राओं ने पीछे छोड़ दिया है। मैट्रिक के जिला टॉप टेन में शहरी क्षेत्र के स्कूलों के एक भी छात्र-छात्राएं शामिल नहीं...
शहरी क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को ग्रामीण के छात्र-छात्राओं ने पीछे छोड़ दिया है। मैट्रिक के जिला टॉप टेन में शहरी क्षेत्र के स्कूलों के एक भी छात्र-छात्राएं शामिल नहीं है। शहरी क्षेत्र में कई नामी-गिरामी स्कूल शामिल है। इन स्कूलों को सुदूर क्षेत्रों के स्कूली बच्चों ने पछाड़ दिया है। राजगंज की छात्रा निशा कुमारी 480 नंबर लाकर टॉपर बनी है। वहीं दूसरे स्थान पर महुदा के सौरव कुमार रहे। डिगवाडीह, महुदा, चिरकुंडा, लोयाबाद समेत अन्य क्षेत्रों के बच्चे रहे। नक्सल प्रभावित क्षेत्र टुंडी व आसपास के छात्र भी टॉप टेन में अपनी प्रतिभा की बदौलत काबित हुए हैं। जानकारों का कहना है कि शहरी क्षेत्र के स्कूलों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र के हाई स्कूलों में शिक्षकों की संख्या कम है। जिले में अभी भी पांच सौ से अधिक शिक्षकों का पद खाली है। ऐसे में छात्र-छात्राओं का मैट्रिक परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन हुआ है।