लॉकडाउन अवधि की फीस माफ करे स्कूल : जैक
कोरोना वायरस के मद्देजनर अभिभवकों को हो रही परेशानी को देखते हुए झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने कहा है कि राज्य में अवस्थित जैक, सीबीएसई, आईसीएसई से मान्यता प्राप्त विद्यालय इस अवधि के मासिक फीस...

कोरोना के मद्देजनर अभिभवकों को हो रही परेशानी को देखते हुए झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने कहा है कि राज्य में अवस्थित जैक, सीबीएसई, आईसीएसई से मान्यता प्राप्त विद्यालय इस अवधि के मासिक फीस देने के लिए दवाब नहीं डालें। वैसे छात्र-छात्राएं जो आवागमन के लिए बस का उपयोग करते हैं, उनसे बस फीस (ट्रांसपोर्टेशन फी) भी नहीं ली जाए। जैक सचिव ने मंगलवार को जारी आदेश में कहा है कि उक्त अवधि की फीस को पूर्णत: माफ कर दिया जाए।
बताते चलें कि मंत्री जगरनाथ महतो ने पिछले दिनों ट्वीट करते हुए स्कूलों से अनुरोध किया था कि लॉकडाउन की अवधि का फीस नहीं ली जाए। इसके लिए वे स्कूलों से अनुरोध करेंगे। 14 अप्रैल तक लॉकडाउन के कारण सभी तरह के स्कूल बंद हैं।
जैक सचिव ने जारी आदेश में कहा है कि अपने विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से तालाबंदी या विद्यालय बंद की अवधि की मासिक फीस जमा करने के संबंध में अनावश्यक दवाब नहीं डाला जाए। जैक सचिव ने कहा कि झारखंड के शैक्षिक भविष्य के लिए कुछ न कुछ योगदान देने की आवश्यकता है। इस कठिन परिस्थिति में कई राज्यों द्वारा अपनी जनता को रियायत देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं। उनके द्वारा विद्यालयों से यह अनुरोध किया गया हैकि उनके यहां अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से इस कठिन परिस्थिति में मासिक फीस की मांग नहीं की जाए। इस बाबत वे और भी अनेक तरह की सुविधाएं अपनी जनता को दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर यह पत्र जारी होने पर झारखंड अभिभावक महासंघ ने शिक्षा मंत्री व जैक को इसके लिए धन्यवाद दिया है।
तालाबंदी से गरीब परिवार पर असर
जैक सचिव ने जारी पत्र में कहा है कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति इस समय काफी कमजोर है। इसका असर इस समय यहां की जनता पर पड़ना भी लाजिमी है। काफी छात्र-छात्राएं गरीब परिवार से आते हैं। जिनके अभिभावक छोटी-मोटा कार्य कर अपनी पढ़ाई जारी रखे हुए है। इस तालाबंदी से उनकी पढ़ाई पर बहुत ज्यादा असर पड़ने की संभावना है। कठिन समय के व्यतीत होने के बाद हमें उनके भविष्य के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है।
