आईआईटी आईएसएम धनबाद के माइनिंग इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं को माइनिंग क्षेत्र में इनोवेशन करने के लिए अब फंड की कमी नहीं होगी। माइनिंग इंजीनियरिंग के सेकंड ईयर के छात्रों को अगले तीन वर्ष तक इनोवेटिव कार्य करने के लिए प्रत्येक वर्ष एक लाख रुपए की स्कॉलरशिप मिलेगी। स्कॉलरशिप की राशि सैंडविक माइनिंग एंड रॉक टेक्नोलॉजी की ओर दी जाएगी।
सैंडविक व आईआईटी आईएसएम के बीच एमओयू हुआ है। आईएसएम की ओर से डीन इरा प्रो. धीरज कुमार सिंह व सैंडविक माइनिंग एंड रॉक टेक्नोलॉजी की ओंर से एमडी सुभाष दास ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया। डीन इरा डॉ. धीरज कुमार सिंह ने बताया कि सैंडविक की ओर से प्रत्येक साल 12 छात्रों को एक-एक लाख रुपए की स्कॉलरशिप माइनिंग इनोवेशन के लिए दिए जाएंगे। सेकंड ईयर से लेकर फोर्थ ईयर तक यह लाभ मिलेगा। वर्ष 2026 तक 108 छात्र-छात्राओं को कुल एक करोड़ आठ लाख रुपए की छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया गया है, हालांकि सेकंड ईयर के बाद अगले दो साल तक संबंधित छात्रों को अपना सीजीपीए मेंटेन रखना होगा। डॉ. धीरज कुमार ने बताया कि यह छात्रों के लिए प्रेरणा का कार्य करेगा। सैंडविक व आईआईटी आईएसएम के बीच मजबूत साझेदारी की शुरुआत है।