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धनबाद जेल से सतीश सिंह को मिल रही थी धमकी

बैंक मोड़ के विकास नगर में दिनदहाड़े गोलियों का निशाना बने कुस्तौर के सतीश सिंह को धनबाद जेल से रंगदारी के लिए धमकी मिली थी। पुलिस को यह सूचना मिली है। बताया जा रहा है कि गोधर और केंदुआडीह में सक्रिय...

धनबाद जेल से सतीश सिंह को मिल रही थी धमकी
हिन्दुस्तान टीम,धनबादThu, 20 Aug 2020 03:53 AM
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बैंक मोड़ के विकास नगर में दिनदहाड़े गोलियों का निशाना बने कुस्तौर के सतीश सिंह को धनबाद जेल से रंगदारी के लिए धमकी मिली थी। पुलिस को यह सूचना मिली है। बताया जा रहा है कि गोधर और केंदुआडीह में सक्रिय कई अपराधी सतीश सिंह को धमकियां दे रहे थे। दरअसल, सतीश एक साथ तीन-तीन आउटसोर्सिंग के काम की देखरेख कर रहे थे, इसलिए वे कइयों की आंखों में खटक रहे थे।

खैरा और वासुदेवपुर में चल रही संजय उद्योग की दो आउटसोर्सिंग और 25 मई को बीसीसीएल के कुसुंडा क्षेत्र के अलकुशा में खुली बीएलए-यूसीसी आउटसोर्सिंग में वे कर्ताधर्ता की भूमिका में थे। बीएलए-यूसीसी आउटसोर्सिंग के भूमि पूजन के दिन वहां दहशत फैलाने के लिए रोजगार की आड़ में गोलीबारी भी की गई थी। इस केस में सतीश की सक्रियता से कई लोगों को बाद में जेल भी भेजा गया था। पुलिस उस समय जेल भेजे गए आरोपियों को केंद्र मान कर जांच कर रही है।

उपेंद्र सिंह हमलाकांड के तीन शूटरों की तलाश : 22 मार्च-2018 को मटकुरिया रेलवे कॉलोनी निवासी रिकवरी एजेंट उपेंद्र सिंह पर बैंक मोड़ के स्काईलार्क होटल के सामने ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी। तफ्तीश में खुलासा हुआ था कि केंदुआडीह कुस्तौर नया धौड़ा के तीन शूटर भीम सिंह, अमित पासवान और सूरज प्रताप सिंह ने हमले में भूमिका निभाई थी। अब सतीश सिंह की हत्या में भी पुलिस को इन्हीं तीनों की तलाश है। बीएलए-यूसीसी आउटसोर्सिंग के भूमि पूजन में हुई फायरिंग के कुछ दिन बाद भीम को जेल भेजा गया था। पुलिस ने धनबाद जेल से भी तीनों के संबंध में बुधवार की शाम टोह ली। पता लगाया गया कि वे लोग जेल से कब बाहर निकले।

गैंग्स ऑफ वासेपुर पर भी शक की सूई : सतीश सिंह की हत्या में शक की सूई गैंग्स ऑफ वासेपुर की तरफ भी है। चर्चा है कि गैंग्स से जुड़े राजेश चौहान और हिमांशु पाठक ने भी सतीश से बैर पाल रखा था। रंगदारी मांगने में इन दोनों की भूमिका का भी पता लगाया जा रहा है। राजेश चौहान का कनेक्शन गैंग्स ऑफ वासेपुर से रहा है। वह फहीम के जानी दुश्मन साबिर आलम की हत्या के प्रयास के आरोप में रांची से गिरफ्तार हुआ था। जेल जाने से पूर्व फहीम के भांजों के साथ उसका उठना-बैठना भी उजागर हुआ था। वहीं हिमांशु पाठक का नाम रेल ठेकेदार धीरेंद्र प्रताप सिंह की हत्या में आया था। इस हत्याकांड के पीछे भी गैंग्स का हाथ माना गया था। पुलिस इन दोनों की भूमिका भी जांच रही है। राजेश चौहान फिलहाल धनबाद जेल में बंद है।

रंजीत सिंह की हत्या में भी आया था गैंग्स का नाम : दो साल पहले 21 अगस्त-2018 को ठीक इसी अंदाज में रंगदारी नहीं देने के कारण झरिया के झाविमो नेता रंजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी। आरोप गैंग्स ऑफ वासेपुर पर लगा था। पुलिस चार्जशीट में बताया गया था कि जेल में बैठकर प्रिंस ने शमशाद अख्तर उर्फ विक्की और औरंगजेब को रंजीत की हत्या की सुपारी दी थी। रंजीत सिंह बीकेबी के साइड इंचार्ज थे। रैक से कोयले की ढुलाई के काम में आगे बढ़े, तो रंगदारी के लिए उनकी हत्या करा दी गई थी।

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