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राज्य पुस्तकालय में अब बैठने की जगह नहीं

धनबाद के एकमात्र पुस्तकालय स्टेट लाइब्रेरी में अब बैठने की जगह नहीं है। इस कारण प्रतिदिन कई छात्र-छात्राएं वापस लौट रहे...

धनबाद के एकमात्र पुस्तकालय स्टेट लाइब्रेरी में अब बैठने की जगह नहीं है। इस कारण प्रतिदिन कई छात्र-छात्राएं वापस लौट रहे...
1/ 2धनबाद के एकमात्र पुस्तकालय स्टेट लाइब्रेरी में अब बैठने की जगह नहीं है। इस कारण प्रतिदिन कई छात्र-छात्राएं वापस लौट रहे...
धनबाद के एकमात्र पुस्तकालय स्टेट लाइब्रेरी में अब बैठने की जगह नहीं है। इस कारण प्रतिदिन कई छात्र-छात्राएं वापस लौट रहे...
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हिन्दुस्तान टीम,धनबादSun, 21 Apr 2019 02:23 AM
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धनबाद के एकमात्र पुस्तकालय स्टेट लाइब्रेरी में अब बैठने की जगह नहीं है। इस कारण प्रतिदिन कई छात्र-छात्राएं वापस लौट रहे हैं। जगह व अन्य आधारभूत सुविधा के अभाव के कारण स्टेट लाइब्रेरी में सदस्य बनने पर एक तरह से अघोषित रोक है।

ऐसे में सवाल उठना शुरू हो गया है कि जब छात्र-छात्राओं को अपने शहर में समृद्ध पुस्तकालय की पर्याप्त सुविधा नहीं मिलेगी तो भविष्य कैसे बनेगा? बताते चलें कि गोल्फ ग्राउंड के सामने स्टेट लाइब्रेरी संचालित है। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के अधीन लाइब्रेरी में अब तक साढ़े आठ हजार से अधिक सदस्य बन चुके हैं। यहां पर 40 हजार से अधिक किताबें है। प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे करीब सौ छात्र-छात्राएं प्रतिदिन राज्य पुस्तकालय आते हैं। यहां आकर ग्रुप व सेल्फ स्टडी करते हैं। छात्रों की अधिक भीड़ के कारण सुबह 10 बजे से दो-तीन बजे तक लाइब्रेरी में बैठने की जगह नहीं मिल पाती है।

पिछले कुछ वर्षों से लड़कियां भी लाइब्रेरी के प्रति आकर्षित हुई हैं। लेकिन छात्र-छात्राओं की संख्या अधिक होने के कारण अब रीडिंग रूम में बैठने की जगह नहीं है। सदस्य बनने के लिए पहुंच रहे छात्र-छात्राओं से बताया जा रहा है कि अब जगह नहीं है। इस कारण यहां सदस्य नहीं बने। छात्रों का कहना है कि बहुत जोर देने के बाद सदस्य बनाया जा रहा है। अगर कुर्सी नहीं है तो उसकी व्यवस्था लाइब्रेरी प्रबंधन को करना चाहिए।

चुनावी मुद्दा बने

छात्र नेता ऋषिकांत यादव, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अभिमन्यु कुमार, छात्र नेता शुभम सिंह, आदित्य व अन्य ने कहा कि लाइब्रेरी में एक भी कर्मी नियमित नहीं है। एकमात्र शॉर्टर को रांची डेपुटेशन कर दिया गया है। डीईओ व डीएसई कार्यालय के प्रतिनियुक्त कर्मियों से किसी तरह संचालन किया जा रहा है। पत्रिका व न्यूज पेपर समेत अन्य सुविधाओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए। कहा कि लाइब्रेरी में सुविधा बढ़ाने पर जनप्रतिनिधियों ने भी कभी ध्यान ही नहीं दिया। छात्र-छात्राओं को इसे चुनावी मुद्दा बनाने की आवश्यकता है। स्टेट लाइब्रेरी में राज्यस्तर की सुविधाएं रहनी चाहिए। दो शिफ्ट में संचालित हो। अन्य बड़ी लाइब्रेरी की तर्ज पर धनबाद के इस लाइब्रेरी को भी शाम में खुला रखा जाए।

वर्जन

लाइब्रेरी के जीर्णोद्धार व अन्य सुविधाओं की बढ़ोतरी के लिए मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है। चालू वित्तीय वर्ष में भी मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। मुख्यालय से इस संबंध में एक पत्र भी मिला है। उम्मीद है आने वाले समय में बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

डॉ.. माधुरी कुमारी, डीईओ

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