नीरज हत्याकांड : बंगाल में पंकज के रिश्तेदार के घर छिपे थे शूटर
पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार की हत्या मामले में वाराणसी कैंट स्टेशन से पकड़े गए शूटर कुर्बान अली उर्फ सोनू ने पुलिस को बताया कि 21 मार्च को हत्या के बाद वह दूसरे शूटर शिबू सिंह उर्फ सागर के...
पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार की हत्या मामले में वाराणसी कैंट स्टेशन से पकड़े गए शूटर कुर्बान अली उर्फ सोनू ने पुलिस को बताया कि 21 मार्च को हत्या के बाद वह दूसरे शूटर शिबू सिंह उर्फ सागर के साथ कोलकाता भागा था। कोलकाता में सुल्तानपुर लंभुआ के पंकज सिंह के रिश्तेदार के घर दोनों ठहरे थे।
धनबाद पुलिस और वाराणसी एसटीएफ ने संयुक्त छापेमारी कर कुर्बान को 23 जून को पकड़ा था। बुधवार को पुलिस ने सोनू को एक दिन के रिमांड पर लिया था।
सोनू ने पूछताछ में बताया कि कुसुम विहार में पंकज सिंह ने उसका मोबाइल ले लिया था। पंकज ने एक मोबाइल सागर को दिया था। उसी नंबर पर सागर और पंकज की बातचीत हो रही थी। गोविंदपुर में बाइक छोड़कर वह शिबू सिंह उर्फ सागर के साथ भागा था। बस से सड़क के किनारे के एक स्टेशन पर रुका और वहीं से कोलकाता की ट्रेन पकड़ी। रास्ते में पंकज ने जो मोबाइल दिया था उसे सागर ने ट्रेन से फेंक दिया। पुलिस ने मिहिजाम में एक लड़की के पास से यह मोबाइल जब्त किया था। कुर्बान ने बताया कि हत्या के दिन शूटर अमन सिंह और सतीश गोविंदुपर में अलग हो गए थे। अमन के मोबाइल लोकेशन से पता चला है कि वह आसनसोल से ट्रेन पकड़ कर पटना-आरा होते हुए यूपी भागा था। कुर्बान ने बताया कि हत्या के दो दिन बाद 23 मार्च को पंकज कोलकाता आया था। वहीं से तीनों 24 मई को पंकज के साथ सुल्तानपुर लौटे।
कराई गई कुसुम विहार के मकान की पहचान
पुलिस ने कुर्बान से कुसुम विहार के उस किराए के मकान की पहचान कराई जहां अन्य शूटरों के साथ वह ठहरा था। कुर्बान ने बताया कि किराए के मकान में उसका शर्ट-पैंट छूट गया था। पुलिस ने 25 मार्च की रात मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में उस कमरे से कुछ कपड़े बरामद किए थे। पुलिस कुर्बान को लेकर घटना स्थल और गोविंदपुर भी गई, जहां बाइक छोड़ कर चारों शूटर भागे थे।
हथियार के सवाल पर कुर्बान ने उलझाया
अमन ने पुलिस को बताया था कि आसनसोल में सभी शूटरों ने पंकज सिंह को पिस्टल और मैगजीन दे दिया था। लेकिन पंकज के मोबाइल लोकेशन और कुर्बान के बयान से स्पष्ट हो चुका है कि पंकज सिंह आसनसोल गया ही नहीं था। हत्या के 40 मिनट बाद उसका लोकेशन गांधी नगर सब्जी बगान के पास मिला है। इधर कुर्बान ने पुलिस को बताया कि जब पंकज 23 मार्च को कोलकाता आया तब उसने और शिबू ने पंकज को हथियार सौंपे थे। यहां अमन और कुर्बान का बयान अलग-अलग है।
गोविंदपुर में छिपा है पिस्टल का राज
हत्या के 38 मिनट बाद भी अमन सिंह का मोबाइल लोकेशन गोविंदपुर में मिला है। इससे साफ है कि हत्या को अंजाम देने के बाद या तो शूटर सरायढेला से गोविंदुपर के बीच कहीं रुके थे। या फिर गोविंदपुर में वे लोग आधे घंटे तक रुके रहे। क्योंकि स्टील गेट स्थित घटना स्थल से गोविंदपुर की दूरी तय करने में 10 मिनट से अधिक समय नहीं लगेंगे। जबकि हत्या के 38 मिनट बाद भी अमन गोविंदपुर में ही था। इसकी भी संभावना है कि रास्ते में ही पंकज या किसी अन्य ने शूटरों से हथियार ले लिए होंगे।