दया करो माईहे...के बोल के साथ शिव की आराधना
दया करो माईहे...के बोल से पुराना बाजार इलाका गूंज उठा। मौका था तीन दिवसीय भोक्ता पर्व के दूसरे दिन रविवार...
दया करो माईहे...के बोल से पुराना बाजार इलाका गूंज उठा। मौका था तीन दिवसीय भोक्ता पर्व के दूसरे दिन रविवार का। उपवास रह कर व्रतियों ने भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की। शाम होते ही तालाब में व्रती पहुंचने लगे। पुजारी शंकर महतो ने विधिवत पूजा कराई। घाट पर शिवलिंग बनाया गया। व्रतियों ने बारी-बारी से बर पेड़ के पत्ते में पानी लेकर भगवान शिव को अर्पित किया।
जयकारे लगाते पहुंचे मंदिर
तालाब में पारंपरिक तरीके से पूजा करने के बाद सभी व्रती पुराना बाजार श्री रत्नेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुए। पुजारी शंकर महतो को कंधे पर बैठा रखा था। पुजारी के सिर पर पाटा था। हाथ में बेंत की छड़ी लिए हुए व्रती जयकारे लगाते हुए रत्नेश्वर मंदिर पहुंचे। मंदिर से टेंपल रोड तक एक के बाद एक व्रती एक साथ दंडवत हुए। एक पैर को दूसरे पर चढ़ाकर दया करो माईहे...कहकर सुख समृद्धि की कामना की।
पूजा की गई
मंदिर के बाहर लगे पानी का टैंकर लगा हुआ था। व्रतियों ने स्नान किया। इसके बाद मंदिर में प्रवेश कर भगवान शिव-पार्वती की पूजा की। पुराना बाजार में मेला सा नजारा देखने को मिला। रात्रि में मनईटांड़ बस्ती में ऑर्केस्ट्रा का आयोजन किया गया। देर रात तक मनोरंजन का दौर चला।
आज लगेगा मेला
सोमवार को मनईटांड़ बस्ती में भोक्ता मेला लगेगा। सुबह 11 बजे से मेले की शुरुआत होगी। व्रत रख चुके पुरुष भक्त पीठ, पैर व बाजू में लोहे के कील चुभोकर लकड़ी के बने बड़े खंभे पर झूलेंगे। इस दौरान भक्त अपने गले की माला को तोड़ कर और प्रसाद नीचे गिराते हैं। मान्यता है कि इस फूल को रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है।