कोर्ट में फिर से दुर्गापूजा में मिल सकती है 33 दिनों की छुट्टी
संक्षेप: झारखंड के सिविल कोर्ट में 2026 से दुर्गापूजा, दीपावली और छठ के लिए 33 दिनों की वार्षिक छुट्टी दी जाएगी। हाईकोर्ट ने नया कैलेंडर जारी किया है, जिसमें 16 अक्टूबर से 17 नवंबर तक छुट्टी रहेगी।...

धनबाद, प्रतिनिधि राज्य के सिविल कोर्ट में अगले वर्ष 2026 से ग्रीष्म अवकाश के बदले पुरानी व्यवस्था के तहत दुर्गापूजा, दीपावली और छठ के लिए वार्षिक अवकाश के रूप में 33 दिनों की छुट्टी दी गई है। वर्ष 2025 में वार्षिक अवकाश को काट कर दो सप्ताह का ग्रीष्मावकाश किया गया था। झारखंड हाईकोर्ट की ओर से नए वर्ष 2026 का कैलेंडर जारी किया गया है, जिसमें राज्य के सभी सिविल कोर्ट में वार्षिक अवकाश 16 अक्तूबर से 17 नवंबर तक यानी 33 दिनों की छुट्टी दी गई है जबकि हाईकोर्ट में दुर्गापूजा के लिए 16 अक्तूबर से 23 अक्तूबर, दीपावली तथा छठ के लिए सात नवंबर से 17 नवंबर तक यानी 17 दिनों की छुट्टी दी गई है।
कैलेंडर में ग्रीष्मावकाश के रूप में हाईकोर्ट में 18 मई से छह जून तक रखा गया है। सिविल कोर्ट में मॉर्निंग कोर्ट के संबंध में किसी प्रकार की सूचना अभी नहीं है। झारखंड हाईकोर्ट ने इस संबंध में राज्य के सभी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश को पत्र लिखकर जिला बार एसोसिएशन से अधिवक्ताओं से रायशुमारी कर मंतव्य मांगा था। हाईकोर्ट के पत्र के आलोक में धनबाद बार एसोसिएशन के महासचिव जितेंद्र कुमार ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के माध्यम से पुरानी व्यवस्था वर्ष 2025 की तरह मॉर्निंग कोर्ट को समाप्त कर ग्रीष्मावकाश देने पर अपनी सहमति जताई थी। महासचिव ने बताया कि रजिस्ट्रार जनरल के पत्र के आलोक में उन्होंने बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं से रायशुमारी की। अधिकांश अधिवक्ताओं ने वार्षिक अवकाश में कटौती कर 15 दिनों के ग्रीष्मावकाश के लिए सहमति व्यक्त की थी।

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