नौकरी देना मेरे हाथ में नहीं, भेज चुके हैं प्रस्ताव: नगर आयुक्त
धनबाद। नगर निगम कार्यालय में बीते दो दिनों से हो रहे बवाल पर नगर आयुक्त ने पहली बार टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि नियोजन के लिए लगभग एक साल से...
धनबाद। नगर निगम कार्यालय में बीते दो दिनों से हो रहे बवाल पर नगर आयुक्त ने पहली बार टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि नियोजन के लिए लगभग एक साल से आंदोलन कर रहे माडा के मृतक कर्मियों के आश्रितों के साथ उनकी पूरी सहानुभूति है, लेकिन नौकरी देना उनके हाथ में नहीं है। आश्रितों के साथ पूर्व में हुई वार्ता के बाद उनकी मांगों को नगर विकास विभाग को भेजा जा चुका है। जो भी निर्णय होना है, सरकार स्तर से ही होगा। हिन्दुस्तान के साथ बातचीत में नगर आयुक्त ने कहा कि लोकतंत्र में आंदोलन करने का सभी को हक है, लेकिन यह शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए। उग्र आंदोलन की यहां कोई जगह नहीं है। मंगलवार की घटना अफसोसजनक है। आश्रितों द्वारा वार्ता नहीं करने के आरोप पर नगर आयुक्त ने कहा कि इससे पहले चार बार वार्ता हो चुकी है। जिले के जनप्रतिनिधि भी शामिल रहे हैं। वार्ता के बाद आश्रितों की मांगों को सरकार को भेजा जा चुका है। निगम या माडा पर दबाव बनाकर कोई हल नहीं निकल सकता है।
हाईकोर्ट में खारिज हो चुका है नौकरी का मामला: माडा कर्मियों के आश्रितों ने इस मुद्दे पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां उनकी अपील खारिज हो चुकी है। कोर्ट में माडा की वित्तीय स्थिति का हवाला देकर नौकरी देने में असमर्थता जताई थी, जिसे कोर्ट ने मान लिया था। माडा को हर माह वेतन मद में चार करोड़ और रिटायर कर्मियों के पावना मद में चार करोड़ खर्च करने होते हैं। इसके लिए 108 कमियों के आश्रित आंदोलन कर रहे हैं।