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हवाई कनेक्टिविटी नहीं होने से उद्योगों का विकास प्रभावित

झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसिशन (जीटा) की तीसरी वार्षिक अधिवेशन रविवार को यूनियन क्लब में आयोजित की गयी। इसकी अध्यक्षता जीटा के अध्यक्ष केदार मित्तल ने की। अधिवेशन के केन्द्र में धनबाद के उद्योग...

हवाई कनेक्टिविटी नहीं होने से उद्योगों का विकास प्रभावित
हिन्दुस्तान टीम,धनबादSun, 07 Jan 2018 08:33 PM
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झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसिशन (जीटा) की तीसरी वार्षिक अधिवेशन रविवार को यूनियन क्लब में आयोजित की गयी। इसकी अध्यक्षता जीटा के अध्यक्ष केदार मित्तल ने की। अधिवेशन के केन्द्र में धनबाद के उद्योग और उसके विकास के आड़े आ रही समस्याएं रही। उद्योगपतियों ने हवाई अड्डे के अभाव को धनबाद के औद्यौगिक विकास के रास्ते का बड़ा रोड़ा करार दिया।

अपने अध्यक्षीय भाषण में केदार मित्तल ने कहा कि धनबाद में हवाई सेवा नहीं रहने के कारण यहां बड़े उद्योगपति आने से कतरा रहे हैं। इसके अलावा औद्योगिक विकास की संरचना का अभाव को भी उद्योगों के विकास का बाधक बताया। मित्तल ने राज्य के लिए बेरोजगारी को बड़ी समस्या बताते हुए कहा कि उद्योगों का विकास ही इसका समाधान है। और उद्योगों का विकास तभी होगा, जबकि धनबाद में एयर कनेक्टवीटी जैसी सुविधाएं मुहैया करायी जाएगी।

जीटा के उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए महासचिव राजीव शर्मा ने संगठन विस्तार की रणनीति के बारे में बताया। कहा, आसपास के जिलों को संगठन से जोड़ा जाएगा। इसके लिए जिलों में जीटा की कमेटी बनायी जाएगी। ये भी बताया कि जीटा वेबसाइट का निबंधन हो चुका है। ये वेबसाइट संगठन, सरकार एवं उद्यमियों के बीच कड़ी का काम करेगी। इसमें एसोसिएशन की जानकारी समेत झारखंड सरकार की औद्योगिक नीति, केन्द्र सरकार की योजाएं आदि की जानकारी रहेगी। जीटा के कोषाध्यक्ष अमितेष सहाय ने अधिवेशन में एसोसिएशन के आय-व्यय का ब्योरा प्रस्तुत किया एवं संगठन विस्तार के लिए अपने सुझाव दिए। मौके पर महेन्द्र अग्रवाल, सुशील सिंह, विशाल प्रसाद, गगन दुदानी, वेद प्रकाश केजरीवाल, पुष्कर डोकानिया, विरेंद्र रॉय, समेत कई लोग मौजूद थे।

राजेश जालुका बने सचिव

अधिवेशन में सर्वसम्मति से राजेश जालुका को जीटा का सचिव मनोनित किया गया। विरेंद्र केजरीवाल के निधन के बाद ये पद खाली पड़ा हुआ था। सदस्यों ने स्व. केजरीवाल के निधन पर शोक प्रकट करते हुए उनके कार्यों की प्रसंशा की और सचिव का पद राजेश जालुका को सौंपा।

ये मांगे रखी गयी

- राज्य में कानून व्यवस्था दुरूस्त की जाए।

- उद्योगों को सस्ते दर पर निर्बाध बिजली दी जाए।

- उद्योग लगाने के लिए सही दर पर विकसित जमीन मुहैया करायी जाए।

- इंस्पेक्टर राज समाप्त किया जाए।

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