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कोयला खनन के लिए मंत्रालय और राज्य सरकारों में समन्वय पर कोयला सचिव ने दिया जोर

धनबाद में कोयला सचिव विक्रम देव दत्त ने कहा कि भारत का कोयला क्षेत्र आर्थिक विकास और ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। आगामी नीलामी में भूमिगत खनन पर जोर दिया जाएगा, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव कम होगा।...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादWed, 19 Feb 2025 06:34 PM
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कोयला खनन के लिए मंत्रालय और राज्य सरकारों में समन्वय पर कोयला सचिव ने दिया जोर

धनबाद। भारत का कोयला क्षेत्र आर्थिक विकास और ऊर्जा सुरक्षा का अगुवा है। कोयला खनन के लिए विभिन्न राज्य सरकारों और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय सहित विभिन्न एजेंसियों के साथ सक्रिय समन्वय जरूरी है। कोयले की वाणिज्यिक खनन के लिए आगामी नीलामी में भूमिगत खनन पर जोर होगा जो पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हुए कोयला निष्कर्षण के लिए एक स्थायी और कुशल दृष्टिकोण प्रदान करेगा। यह बात कोयला सचिव विक्रम देव दत्त ने बुधवार को कोलकाता में वाणिज्यिक खनन को लेकर कोल ब्लाक की नीलामी पर बुधवार को आयोजित रोड शो में कही। पूर्वी भारत में आयोजित यह रोड शो झारखंड,बंगाल,ओडिशा जैसे पूर्वी भारत के कोयला बहुल राज्यों को ध्यान में रखकर कोलकाता में आयोजित किया गया। कोयला सचिव ने कहा कि भारत में कोयले का विशाल भंडार है। देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए ज्यादा से ज्यादा कोयले का खनन की आवश्यकता है। कोयला मंत्रालय इसके लिए सुधार एवं सतत विकास को बढ़ावा दे रहे हैं। सभी हितधारकों को पारस्परिक लाभ पहुंचा रहे हैं।

रोड शो में उद्योग जगत से बड़े बड़े उद्यमी, निवेशकों और हितधारकों की अच्छी खासी उपस्थिति रही।

कोयला मंत्रालय की ओर से मौके पर निजी खिलाड़ियों (प्राइवेट सेक्टर) से अपील किया गया कि न केवल खनन में निवेश करें,बल्कि उन समुदायों में भी सार्थक योगदान देने का आग्रह किया, जहां वे काम करते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उद्योग समाज के प्रति बहुत आभारी है और उसे वनीकरण, बहाली और कल्याण पहल में नए मानक स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए।

रोड शो में आगामी वाणिज्यिक कोयला खदान की नीलामी पर व्यापक प्रस्तुतियां दी गईं, जो निवेश की संभावनाओं और नीतिगत रूपरेखाओं की जानकारी प्रदान करती हैं। इसने निवेशकों को प्रमुख निर्णय निर्माताओं के साथ जुड़ने, नए व्यापार के रास्ते तलाशने और भारत के विकसित कोयला क्षेत्र परिदृश्य की गहरी समझ हासिल करने के लिए एक मंच भी प्रदान किया। यह कार्यक्रम उद्योग जगत, संभावित निवेशकों, खनन विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं सहित हितधारकों के लिए अंतर्दृष्टि का आदान-प्रदान करने और सहयोगी अवसरों का पता लगाने के लिए एक इंटरैक्टिव मंच के रूप में काम किया।

कोयला मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव और नामित प्राधिकारी रूपिंदर बराड़ ने अपने स्वागत भाषण में निवेशकों को पूरी निवेश प्रक्रिया में उनका समर्थन करने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता के बारे में आश्वस्त किया। उन्होंने सुव्यवस्थित निकासी प्रक्रियाओं और क्षेत्र में व्यापार करने में आसानी के लिए निरंतर वृद्धि पर जोर दिया। बराड़ ने कहा कि मंत्रालय पारदर्शी नियामक ढांचे और त्वरित परियोजना अनुमोदन द्वारा समर्थित सभी हितधारकों के लिए एक निर्बाध निवेश यात्रा सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है। उन्होंने कोयले के उपयोग के तरीकों में विविधता लाने, पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और खनन दक्षता बढ़ाने के लिए कोयला गैसीकरण और भूमिगत खनन को बढ़ावा देने वाली भारत सरकार की प्रगतिशील नीतियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने हितधारकों के साथ संवाद, प्रतिक्रिया और सहयोग के लिए खुले रहते हुए, सुशासन, अखंडता, जवाबदेही और पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए मंत्रालय की अटूट प्रतिबद्धता दोहराई।

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