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हूल क्रांति ने तैयार की थी 1857 गदर की पृष्ठभूमि : आनंद

पुराना बाजार स्थित मासस केंद्रीय कार्यालय में मंगलवार को हूल क्रांति दिवस पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता पूर्व सिंदरी विधायक सह मासस के केंद्रीय अध्यक्ष आनंद महतो...

हूल क्रांति ने तैयार की थी 1857 गदर की पृष्ठभूमि : आनंद
हिन्दुस्तान टीम,धनबादWed, 01 Jul 2020 02:33 AM
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पुराना बाजार स्थित मासस केंद्रीय कार्यालय में मंगलवार को हूल क्रांति दिवस पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता पूर्व सिंदरी विधायक सह मासस के केंद्रीय अध्यक्ष आनंद महतो शामिल हुए।

आनंद महतो ने कहा कि आज ही के दिन 1855 में हूल क्रांति शुरू हुई थी। 1856 तक चली इस क्रांति ने 1857 के गदर की पृष्ठभूमि तैयार की थी, जिसमें झांसी की रानी, वीर कुंवर सिंह, तात्या टोपे आदि राष्ट्रीय नेता बहादुर शाह जफर के नेतृत्व में आजादी का बिगुल फूंका था। हूल क्रांति पर चर्चा करते हुए आनंद महतो ने कहा कि सिदो-कान्हू, चांद भैरव, दारा सूर्या एवं झाला के नेतृत्व में लड़ी शुरू हुई थी। जमींदार, सूदखोर, लुटेरों के खिलाफ लड़ी गई यह लड़ाई साम्राज्यवादी ताकत ब्रिटेन से मुक्ति से व्यापक युद्ध का एक हिस्सा के रूप में जाना जाता है। आज का साहिबगंज, संताल परगना आदि क्षेत्र इससे सबसे ज्यादा प्रभावित थे। संताल की जन्म स्थली भोगनाडीह ग्राम झारखंड में इस क्रांति का केंद्र बिंदु बन चुका था। इस आंदोलन को मार्क्स और एंगेल्स ने लंदन में रहते हुए भी समर्थन दिया। गोष्ठी में मासस के केंद्रीय महासचिव हलधर महतो, जिला अध्यक्ष हरिप्रसाद पप्पू, पवन महतो, सुभाष सिंह, दिल मोहम्मद, कार्तिक दत्ता, टूटून मुखर्जी, शेख रहीम, भगत राम महतो, सुभाष चटर्जी, राणा चट्टराज, रामप्रवेश यादव, विश्वजीत राय, बुटन हरेमुरारी महतो, भूषण महतो कई अन्य लोग शामिल हुए।

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