हाल होमगार्ड विभाग का : उम्र सीमा 60 वर्ष निर्धारित फिर भी चार वर्षों में पुर्ननामांकन
होमागार्ड विभाग में सेवानिवृति की उम्र सीमा 60 वर्ष निर्धारित है। लेकिन फिर भी उन्हें चार वर्षो में पुर्ननामांकन (बांड) की प्रक्रिया से गुजरनी पड़ती...
होमागार्ड विभाग में सेवानिवृति की उम्र सीमा 60 वर्ष निर्धारित है। लेकिन फिर भी उन्हें चार वर्षो में पुर्ननामांकन (बांड) की प्रक्रिया से गुजरनी पड़ती है। इसको लेकर होमगार्ड एसोसिएशन मुखर है। होमगार्ड में बांड की प्रक्रिया को समाप्त करने के लिए झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन झारखंड उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा। जिसकी 2014 नियमवाली को निरस्त करने की मांग की जाएगी।
जवानों से इसे बताया काला कानून : गृहरक्षक अविनाश दास बतातें हैं कि यह जवानों के लिउ काला कानून है। एक और सरकार राज्य के गृह रक्षकों की उम्र सीमा 60 वर्ष कर चुकी है तो दूसरी ओर विभागीय पदाधिकारी और राज्य सरकार मिलीभगत से चार वर्षों में बांड की प्रक्रिया लगा रखी है। जो राज्य के गृीरक्षकों के ड्यूटी सुनिश्चित पर अड़चन पैदा करती है। झारंखड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन के रवि मुखर्जी कहते हैं कि भारत के किसी भी विभाग में चार वर्षों में पुर्न नामांकन की प्रक्रिया नहीं होती। लेकिन होमगार्ड विभाग में चार वर्षों में पुर्ननामांकन करना यह एक काला कानून के बराबर है। इसका कोई औचित्य ही नहीं हैं। आए दिन पुर्ननामांकन के नाम पर जिलों में धांधली और उगाही होती है। पड़ोसी राज्य बिहार और बंगाल में गृहक्षकों के लिए ऐसी कोई प्रक्रिया नहीं है।
जवानों को आर्थिक वह कानूनी सहायता देगा एसोसिएशन : झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसेासिएशन की बैठक गोल्फ ग्राउंड के निकट राजेंद्र पार्क में हुई। बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष अविनाश दास न की गई , जबकी संचालन अजीज अंसारी ने किया। बैठक में मुख्य रूप से रवि मुखर्जी ,अनिल कुमार यादव, आदित्य कुमार, विक्की कुमार, पप्पू थापा, विमलेश सिंह, राजेश सिंह, बमबम ओझा सहित अन्य मौजुद थे। बैठक में निर्णय लिया गया कि एक कोष का गठन कर जरुरतमंद जवानों की आर्थिक मदद की जाएगी। जवानों के हित में कानूनी सहायता व इसके लिए जरुरत पड़ने वाली राशि की मदद से एसेासिएशन के द्वारा की जाएगी।
