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पोते ने नौकरी के लिए कराई थी ईसीएलकर्मी की हत्या

ईसीएल कुमारधुबी कोलियरी के पिट टू के स्वीच मैन दिव्यांगकर्मी नरेश नोनिया (58 वर्ष) की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा...

पोते ने नौकरी के लिए कराई थी ईसीएलकर्मी की हत्या
हिन्दुस्तान टीम,धनबादWed, 24 Jun 2020 02:49 AM
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ईसीएल कुमारधुबी कोलियरी के पिट टू के स्वीच मैन दिव्यांगकर्मी नरेश नोनिया (58 वर्ष) की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली। पुलिस का दावा है कि पोता निरसा कंचनडीह चौहान धौड़ा निवासी अनिल चौहान ने अपने दो दोस्तों के साथ मिल कर नरेश की हत्या की थी। ग्रामीण एसपी अमित रेणु ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ईसीएल में अनुकंपा पर नौकरी की लालच में इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। पुलिस इस दिशा में जांच कर रही है। तीनों को गिरफ्तार कर पुलिस ने मंगलवार को जेल भेज दिया।

11 जून को नरेश नोनिया की कुमारधुबी कोलियरी पिट टू के स्वीच रूम के पास लाश मिली थी। पुलिस ने अनुसंधान शुरू किया। मुखबिर और मोबाइल सीडीआर के जरिए पुलिस अनिल तक पहुंची। जब कड़ाई से पूछताछ हुई तो अनिल ने अपना मुंह खोल दिया। ग्रामीण एसपी ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि अनिल की अपने दादा से नहीं बनती थी। नरेश हमेशा उसे डांटते थे। इसलिए मुगमा हीरबांध निवासी शेख नवाब और मुगमा के इम्तियाज अंसारी के साथ मिल कर अनिल ने अपने दादा की हत्या की साजिश रची।

मामले की जांच के लिए एसएसपी अखिलेश बी वारियर ने निरसा एसडीपीओ विजय कुमार कुशवाहा और चिरकुंडा इंस्पेक्टर प्रभात कुमार सिंह के नेतृत्व सहित छह लोगों की टीम बनाई थी।

25-25 हजार का लालच देकर दोस्तों को किया था तैयार

तफ्तीश में पता चला कि दादा की हत्या में मदद के बदले अनिल ने दोनों दोस्तों को 25-25 हजार रुपए देने का वादा किया था। घटना की रात अनिल अपनी बाइक से शेख और इम्तियाज को अपने दादा के ड्यूटी स्थल पर ले गया था। अनिल अपनी बाइक के पास खड़ा रहा। दोनों आरोपी दीवार फांद कर ऑफिस के अंदर गए और नरेश को पकड़ कर और उनके मुंह में गम्छा बांध दिया। शेख ने वहीं पड़े रॉड से नरेश के सिर पर हमला कर दिया। इम्तियाज अपने घर से चाकू लेकर गया था। उसने चाकू से नरेश की गर्दन और सीने पर कई वार किए। दोनों ने नरेश के पास से कागजात, पैसे और मोबाइल निकाल लिए और साक्ष्य छिपाने के लिए रास्ते में मोबाइल और कागजात फेंक दिए। तीनों ने घटना के समय जो कपड़े पहने थे उसे पास के एक तालाब और नाली में फेंक दिया। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर जूता, आधार कार्ड और कोलियरी का आईकार्ड सहित हत्या में प्रयुक्त अपाची बाइक सहित कई सामान बरामद किए हैं।

रात में की हत्या, सुबह दादा को लेने पहुंचा कोलियरी

घटना की सुबह पोता अनिल चौहान सबसे पहले नरेश के दफ्तर पहुंचा था। उसने बताया था कि वह अपने दादा (मृतक) को कंचनडीह घर से 10 जून की रात के 11 बजे बाइक से कोलियरी में ड्यूटी के लिए छोड़ने आया था। उनकी ड्यूटी रात 12 बजे से सुबह आठ बजे तक थी। सुबह सात बजे दादा को लेने ड्यूटी स्थल पर पहुंचा तो उनको नहीं देखा। काफी खोजबीन करने के दौरान स्वीच रूम के बगल में खून से लथपथ उनका शव पड़ा देखा था। पुलिस जांच में फरियादी ही हत्यारा निकला।

घरवाले गए थे नवादा में, पोते ने खेला खूनी खेल

नरेश नोनिया के दो बेटे हैं। एक राजेश नोनिया और दूसरा अशोक नोनिया। इसके अलावा उनकी तीन शादीशुदा बेटियां भी हैं। अनिल चौहान राजेश चौहान का पुत्र है। मृतक की पत्नी महाजनी नोनिया अपने बेटे राजेश नोनिया के साथ लॉकडाउन से पहले अपने पैतृक घर बिहार के नवादा के पकरीवरमा गए हुए थे। लॉकडाउन में सभी फंसे थे। इधर अनिल ने दादा का खून कर दिया। दूसरा बेटा अशोक नोनिया ट्रक ड्राईवर है और वह मध्यप्रदेश के इंदौर में रहता है।

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