
मिटी धुंध जग चानन होया, कल तारण गुरुनानक आया
संक्षेप: धनबाद में गुरु नानक देव जी के 557वें प्रकाश पर्व की पूर्व संध्या पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई। झरिया से शुरू होकर यह यात्रा विभिन्न स्थानों से होते हुए बड़ा गुरुद्वारा पहुंची। नगर कीर्तन में सिख संगत की बड़ी संख्या में भागीदारी रही, जिसमें गतका पार्टी के करतब भी शामिल थे।
धनबाद, झरिया हिटी सतगुरु नानक प्रगट्या, मिटी धुंध जग चानन होया, कल तारण गुरुनानक आया... जो बोले सो निहाल सत् श्री आकाल... कुछ ऐसे ही उद्घघोषों से पूरा शहर गुंजायमान हुआ। झरिया से लेकर धनबाद तक गुरु के जयकारे से गगन गुंजायमान हुआ। सबद गायन, नगर कीर्तन के साथ-साथ गतका पार्टी के हैरतअंगेज करतब। गुरुनानक देव जी के 557वां प्रकाश पर्व की पूर्व संध्या पर दिव्य शोभायात्रा निकली तो शहर ठीठक गया। झरिया से निकली शोभायात्रा धनसार, बस्ताकोला, शक्ति मंदिर के रास्ते पुराना बाजार पानी टंकी, जेपी चौक होते हुए बड़ा गुरुद्वारा पहुंची। यहां कमेटी के सदस्यों ने स्वागत किया। शोभायात्रा की शुरुआत मंगलवार को झरिया कोयरीबांध गुरुद्वारा से हुई।

यहां दोपहर में पंज प्यारे के साथ भव्य नगर कीर्तन निकाला गया। इसमें काफी संख्या में सिख संगत शामिल हुई। इसके पूर्व गुरुद्वारा में चल रहे 24 घंटे का अखंड पाठ का विधिवत समापन हुआ। इस मौके पर भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व समाजसेवी राजकुमार अग्रवाल, झरिया विधायक रागिनी सिंह की पुत्री सताक्षी सिंह पहुंची। गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेका। गुरुद्वारा कमेटी ने अंगवस्त्र भेंट कर स्वागत किया। इसके बाद सैकड़ों संगतों ने लंगर छका। जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल...वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह के उद्घोष व बैंडबाज के साथ नगर कीर्तन निकला। पंज प्यारे के आगमन पर स्त्री संगत सड़कों पर झाड़ू लगाती रहीं। आगे-आगे पंज प्यारे हाथों में निशान साहिब लेकर चल रहे थे। उसके पीछे स्त्री-पुरुष संगत सबद कीर्तन करते चल रहे थे। गतका पार्टी ने दिखाए करतब अमृतसर व जामाडोबा से पहुंची खालासा गद्दका पाटी के खिलाड़ियों ने अपने सीने पर चारपहिया वाहन चढ़ा कर और अपने शरीर पर रखी ईंट को तलवार से काट कर लोगों को अचंभे में डाल दिया। सीने पर बर्फ के सिल्ली तोड़ा, वहीं छोटे बच्चियों ने अस्त्र-शस्त्र कला का प्रदर्शन कर नगरवासियों को निहाल कर दिया। फूल मालाओं से सुशोभित गुरु ग्रंथ साहिब शोभायात्रा में खुले वाहन पर फूल मालाओं से सुशोभित गुरु ग्रंथ साहिब की अद्भुत दरबार सजा था। उसके पीछे संगत चल रही थी। रागी जत्था और पंज प्यारों के साथ शोभायात्रा भ्रमण के लिए निकली। शोभायात्रा जहां से गुजरी, लोगों ने गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेका। पूरे रास्ते लोगों ने संगतों की जगह- जगह सेवा की। पुष्पवर्षा की गई। कई जगह अतिशबाजी भी हुई। शक्ति मंदिर में किया गया स्वागत शोभायात्रा संध्या पांच बजे शक्ति मंदिर के पास पहुंची। मंदिर कमेटी की ओर से नगर कीर्तन का स्वागत किया गया। मुख्य ग्रंथी एवं प्रधान को मातारानी की चुनरी देकर सम्मानित किया गया। पंज प्यारों का स्वागत माला और मातारानी की चुनरी पहना कर की गई। बाबा जी के गुरुग्रंथ साहब पर हलुआ, चना का प्रसाद एवं फूलों की माला चढ़ाई गई। श्रद्धालुओं एवं संगत के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। ये लोग थे उपस्थित नगर कीर्तन में सरदार जितेन्द्र सिंह, इंद्रजीत सिंह, गुरुचरण सिंह, बड़ा गुरुद्वारा के गुरुचरण सिंह माझा, अमृतपाल सिंह, सत्यपाल सिंह, मंजीत सिंह, कमलजीत सिंह माझा, मंगल होंडी, तीरथ सिंह, भगत सिंह, शैलेंद्र सिंह, संजय गुप्ता, अरिंदम बनर्जी आदि सक्रिय रूप से लगे रहे। आज सजेगा विशेष दीवान पांच नवंबर बुधवार को बड़ा गुरुद्वारा में विशेष दीवन सजेगा। बड़ा गुरुद्वारा को बड़े ही आकर्षक ढंग से सजाया गया है। 10.30 बजे से लेकर तीन बजे तक सबद कीर्तन व विविध कार्यक्रम होंगे। स्वर्ण मंदिर अमृतसर से रागी जत्था अरविंदर सिंह, अमृतसर गुरुनानक देव विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सह प्रचारक अमरजीत सिंह संगत को निहाल करेंगे। संध्या में सात बजे से पुन: कार्यक्रम प्रारंभ होगा। इसके बाद गुरु को लंगर होगा। देर रात को आतिशबाजी की जाएगी।

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