मुफ्त अल्ट्रासोनोग्राफी के नाम पर मरीजों से ठग रहे पैसे
धनबाद में कई गर्भवतियों को मुफ्त अल्ट्रासोनोग्राफी का झांसा देकर ठगा जा रहा है। सदर अस्पताल में डॉक्टर के निकलते ही दलाल मरीजों को अन्य जांच घरों में भेजकर पैसे वसूलते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने...

धनबाद, अमित रंजन वासेपुर निवासी अफसाना खातून की बेटी गर्भवती है। शनिवार को अल्ट्रोसोनोग्राफी की रिपोर्ट दिखाने सदर अस्पताल आई थी। अफसाना ने बताया कि बुधवार को ही यहां बेटी को दिखाया था। डॉक्टर ने अल्ट्रासोनोग्राफी के साथ कुछ जांच लिखी थी। डॉक्टर चैंबर से निकलते ही एक लड़के ने पर्ची ले ली। देखा और मटकुरिया के एक जांच घर का नाम बताया। कहा कि सरकार की ओर से वहां अल्ट्रासोनोग्राफी मुफ्त में हो जाएगी। महिला गर्भवती बेटी को लेकर वहां पहुंची। अल्ट्रासोनोग्राफी समेत कई जांच कराई, लेकिन उसे 2380 रुपए देने पड़े। अल्ट्रसोनोग्राफी के एक हजार रुपए लिए गए।
यह कोई एक मामला नहीं है। सदर अस्पताल आनेवाली अधिकांश गर्भवतियों को मुफ्त अल्ट्रासोनोग्राफी का झांसा देकर ठगा जा रहा है। शहर के कई जांचघरों के दलाल यहां ओपीडी में घात लगाए बैठे रहते हैं। डॉक्टर के पास से मरीज के निकलते ही उनकी पर्ची लेकर उन्हें मुफ्त अल्ट्रासोनोग्राफी का लालच दिया जाता है और अपनी सेटिंग के जांचघर में भेज दिया जाता है। वहां अल्ट्रासोनोग्राफी के पैसे तो लिए ही जाते हैं, उन जांच के भी पैसे ले लेते हैं, जो सदर अस्पताल में निशुल्क होती है। यानी मरीजों को दोहरी मार झेलनी पड़ती है। सबसे आश्चर्यजनक यह है कि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेवार अधिकारी और अस्पताल प्रबंधन सबकुछ जानते हुए भी अनजान बना हुआ है।
पूरी तरह निशुल्क होनी है जांच और प्रसव
जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (जेएसएसके) के तहत गर्भवतियों को जांच, इलाज और प्रसव में एक पैसा खर्च नहीं करना है। स्वास्थ्य विभाग ने रेडियोलॉजी सेंटरों से करार भी कर रखा है। वहां उनकी निशुल्क अल्ट्रासोनोग्राफी होनी है। बावजूद दलालों की सक्रियता के कारण गर्भवतियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।
निशुल्क और सस्ती जांच की व्यवस्था
सदर अस्पताल में गर्भवतियों के अधिकांश क्लीनिकल जांच यहीं निशुल्क हो जाता है। जो जांच यहां नहीं होती, उसके लिए कैंपस में ही पीपीपी मोड़ पर जांच सेंटर है। इस सेंटर में बाजार से काफी सस्ती देर पर जांच होती है। मरीजों को इसके बारे में बताया ही नहीं जाता। उल्टे कुछ डॉक्टर तो मरीज को प्राइवेट सेंटरों की पर्ची तक थमा देते हैं।
मामला संज्ञान में आया है। सुरक्षा कर्मियों को सख्त निर्देश दिया गया है कि जांचघर को कोई भी एजेंट अस्पताल के अंदर नहीं रहे। यदि कोई एजेंट पकड़ा जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
-डॉ राजकुमार सिंह, नोडल पदाधिकारी, सदर अस्पताल
गर्भवतियों को सारी चिकित्सीय सुविधा निशुल्क मिलती है। लोगों को इसके लिए किसी एजेंट के चक्कर में पड़ने की जरूरत नहीं है। यदि कोई उन्हें गुमराह करता है तो सूचना दें, कार्रवाई होगी।
- डॉ सीवी प्रतापन, सिविल सर्जन धनबाद
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