अल्प समय की गोद प्रक्रिया से संवरेगी अनाथ बच्चों की जिंदगी
धनबाद में, अनाथ और ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता का निधन हो गया है, को बाल कल्याण की फॉस्टर केयर योजना से जोड़ा जा रहा है। अब आम लोग इन बच्चों को गोद ले सकेंगे। यह व्यवस्था अस्थायी है, और बच्चे 18 वर्ष की...

धनबाद, वरीय संवाददाता अनाथ बच्चे, या फिर ऐसे बच्चे जिनके माता या पिता में से किन्हीं एक की मौत हो गई हो और आय के संसाधन न हो तो उन्हें बाल कल्याण की फॉस्टर केयर योजना से जोड़कर मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। अब ऐसे बच्चों की परवरिश आमलोग भी कर सकेंगे। नई व्यवस्था के तहत ऐसे बच्चों को गोद लेने का प्रावधान किया गया है। जिला बाल संरक्षण कार्यालय से बताया गया कि ऐसे बच्चों को अब कोई भी गोद ले सकेगा। उनकी पढ़ाई और रख-रखाव का भार उठा सकेंगे। फिलहाल फॉस्टर केयर योजना के तहत इन सूचीबद्ध बच्चों की देखरेख की जा रही है।
18 वर्ष तक ही रख सकेंगे बच्चों को अपने पास
गोद लेने की यह व्यवस्था पूर्णत: अस्थाई है। अधिकारी बताते हैं कि ऐसे बच्चों को 18 वर्ष तक ही अपने पास रख सकेंगें। 18 वर्ष के बाद वापस से बाल सरंक्षण कार्यालय को सौंपना होगा। 18 वर्ष के बाद अन्य योजनाओं जोड़कर कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर रोजगारोन्मुख किया जाएगा।
क्या है फॉस्टर केयर योजना
फॉस्टर केयर उन बच्चों को प्रदान किया जाता है, जिसका परिवार अस्थायी रूप से उनकी देखभाल करने में असमर्थ होता है। स्थानीय सरकार व जिला प्रशासन फॉस्टर केयर की व्यवस्था करने की प्रक्रिया निर्धारित करती है। फॉस्टर केयर में अधिकांश बच्चे उन परिवारों से आते हैं, जिनके माता-पिता, सुरक्षित पोषण के लिए संघर्षरत है। बच्चे ऐसे परिवारों से आते हैं, जो अक्सर गरीब होते हैं, जिनके माता-पिता कम शिक्षित, एकल माता या पिता और मादक पदार्थों का सेवन करने वाले या मानसिक स्वास्थ्य की स्थितियों से पीड़ित होते हैं।
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