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राज्य में हर वर्ष गर्भ में मार दी जाती हैं डेढ़ लाख बेटियां

कोर्ट मोड़ स्थित जिला ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन कार्यालय में शुक्रवार को पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट पर कार्यशाला का आयोजन किया...

कोर्ट मोड़ स्थित जिला ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन कार्यालय में शुक्रवार को पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट पर कार्यशाला का आयोजन किया...
1/ 2कोर्ट मोड़ स्थित जिला ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन कार्यालय में शुक्रवार को पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट पर कार्यशाला का आयोजन किया...
कोर्ट मोड़ स्थित जिला ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन कार्यालय में शुक्रवार को पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट पर कार्यशाला का आयोजन किया...
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हिन्दुस्तान टीम,धनबादSat, 07 Jul 2018 02:31 AM
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कोर्ट मोड़ स्थित जिला ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन कार्यालय में शुक्रवार को पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ आशा एक्का कर रहीं थीं। कार्यशाला के दौरान प्लान इंडिया के अरशद हुसैन ने डॉक्टरों को बताया कि प्रतिवर्ष झारखंड में लगभग डेढ़ लाख बच्चियां भ्रूण हत्या की शिकार हो जाती हैं। यानी उन्हें गर्भ में ही मार दिया जाता है। पूरे राज्य के लिए यह गंभीर समस्या है। इसे रोकने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों और डॉक्टरों को अपने स्तर से पहल करने की जरूरत है। कार्यशाला में एसीएमओ डॉ चंद्राबिका श्रीवास्तव, आईएमए सचिव डॉ सुशील कुमार, डॉ गौतम समेत विभिन्न सरकारी, अर्द्धसरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर शामिल हुए।

कार्यशाला में कन्या भ्रूण हत्या रोकने के उपायों पर चर्चा हुई। डॉक्टरों को बताया कि लिंगानुपात के मामले में धनबाद की स्थिति झारखंड में काफी खराब है। डॉक्टरों से अपील की गयी कि वे भ्रूण जांच और कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के प्रावधानों को सख्ती से पालन करें।

अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों पर होगी कार्रवाई

कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ आशा एक्का ने सख्त लहजे में कहा कि कन्या भ्रूण जांच और हत्या संगीन अपराध है। विभाग इसे रोकने के लिए तत्पर है। जो भी लोग इस तरह के कुकृत्य में संलिप्त हैं, वे संभल जाएं। पकड़े जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अल्ट्रासोनोग्राफी सेंटरों को हर महीने अल्ट्रासोनोग्राफी का पूर्ण व्योरा उपलब्ध कराने की हिदायत दी गयी है।

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