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सूरज की मौत के बाद भी उसके गुर्गों से नहीं मिली मुक्ति

कुख्यात सूरज सिंह तो बीमारी की मौत मर गया लेकिन उसके गुर्गे आज भी पुलिस के लिए गले की फांस बने हुए हैं। सूरज सिंह ने तेतुलमारी और बाघमारा अंचल में युवा अपराधियों की फौज तैयार की...

सूरज की मौत के बाद भी उसके गुर्गों से नहीं मिली मुक्ति
हिन्दुस्तान टीम,धनबादTue, 14 Jul 2020 03:41 AM
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कुख्यात सूरज सिंह तो बीमारी की मौत मर गया लेकिन उसके गुर्गे आज भी पुलिस के लिए गले की फांस बने हुए हैं। सूरज सिंह ने तेतुलमारी और बाघमारा अंचल में युवा अपराधियों की फौज तैयार की थी। सूरज की छत्र-छाया में अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले उसकी मौत के बाद भी इस दलदल से बाहर नहीं आ पाए हैं। धनबाद ही नहीं पूरे राज्य में घटित होनेवाले अपराध में आए दिन सूरज के गुर्गों का नाम सामने आ रहा है।

ताजा उदाहरण चर्चित गांजा कांड और रांची के चुटिया में शूटर के रूप में पकड़े गए तेतुलमारी का अभिजीत सिंह उर्फ सेंटी है। निरसा गांजा प्रकरण में बंगाल के कोयला तस्करों का साथ देने के आरोप में कतरास पंचगढ़ी का नीरज तिवारी, सुनील चौधरी उर्फ सुनील पास और रवि ठाकुर को सीआईडी ने जेल भेजा है। तीनों का सूरज गैंग से मजबूत कनेक्शन रहा है। सूरज सिंह की मौत से पहले उसकी मुखबिरी करके ही नीरज तिवारी धनबाद पुलिस के करीब आया था। इसी तरह अभिजीत सिंह का तेतुलमारी के सुनील पासी से संबंध रहा है। वह इन दिनों खूंखार सुजीत सिन्हा गैंग के लिए काम कर रहा था। अमन साव के इशारे पर वह रांची में कोयला कारोबारियों की हत्या करने गया था। रविवार को रांची पुलिस ने सेंटी सहित पांच युवकों को दबोचा है। रिकवरी एजेंट उपेंद्र सिंह पर जानलेवा हमले में पकड़े गए कुस्तौर के भीम सिंह, सूरज सिंह और अमित पासवान का भी इस गैंग से नाता रहा है। आउटसोर्सिंग कंपनी के मैनेजर पर गोली चलाने वाला राजेश चौहान की भी सूरज से निकटता रही है। ऐसे और कई नाम हैं, जिसने सूरज सिंह के साथ ही क्राइम का ककहरा सीखा था।

पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया था सूरज सिंह

वर्ष 2015 और 2016 में सूरज गैंग की धमक धनबाद में सुनाई दी थी। बीसीसीएल की आउटसोर्सिंग कंपनियों के संचालकों पर रंगदारी के लिए गोली चलाकर सूरज सिंह ने धनबाद में अपनी हनक कायम करने का प्रयास किया था। केंदुआडीह क्षेत्र के कई युवक सूरज से जुड़ गए थे और फटाफट रुपए कमाने के चक्कर में उसके लिए काम करते थे। वाराणसी के हेरिटेज अस्पताल में 20 अगस्त 2016 को सूरज सिंह की डेंगू से मौत हुई थी। पुलिस ने उस समय राहत की सांस जरूर ली थी लेकिन सूरज के साथ अपराध की दुनिया में आए युवक आज भी पुलिस के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं।

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