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Video: अंतिम सोमवारी के लिए सज गया बाबाधाम, जलार्पण का समय बदला

विश्वप्रसिद्ध मासव्यापी श्रावणी मेले का सोमवार को समापन हो जाएगा। इसके साथ ही बाबा वैद्यनाथ की स्पर्श पूजा पर लगी रोक खत्म हो जाएगी। अंतिम सोमवार को ही सावन खत्म हो रहा है और इस दिन पूर्णिमा भी है।...

देवघर मंदिर में आरती
1/ 2देवघर मंदिर में आरती
जगमगाती शिवगंगा
2/ 2जगमगाती शिवगंगा
हिन्दस्तान टीम,देवघर दुमकाSun, 06 Aug 2017 09:49 PM
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विश्वप्रसिद्ध मासव्यापी श्रावणी मेले का सोमवार को समापन हो जाएगा। इसके साथ ही बाबा वैद्यनाथ की स्पर्श पूजा पर लगी रोक खत्म हो जाएगी। अंतिम सोमवार को ही सावन खत्म हो रहा है और इस दिन पूर्णिमा भी है। इसको लेकर दूर-दराज के श्रद्धालु रविवार रात में ही देवघर पहुंच गए। समूचा बाबाधाम सज गया है। शिवगंगा और मंदिर परिसर में हुई आरती में हजारों श्रद्धालु उमड़े। विधायक नारायण दास, डीसी राहुल कुमार सिन्हा सहित अन्य अतिथि हुए आरती में शामिल।
श्रावण मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि पर बाबानगरी पहुंचने वाले भक्त अपराह्न बेला से कामनालिंग बाबा वैद्यनाथ की स्पर्श पूजा कर सकेंगे। इसको लेकर सारी तैयारियां पूर्ण कर ली गयी हैं। बाबा वैद्यनाथ मंदिर प्रभारी बीके झा के अनुसार श्रावण पूर्णिमा व मासव्यापी मेले की अंतिम सोमवारी पर दोपहर बजे बाबा मंदिर के मझला खण्ड में लगाए गए अर्घा को हटा लिया जाएगा। उसके बाद प्रशासनिक स्तर पर विशेष पूजा-अर्चना करायी जाएगी। पूजनोपरांत आमभक्त बाबा वैद्यनाथ की स्पर्श पूजा कर सकेंगे।


चंद्र ग्रहण के चलते शाम सात बजे तक ही जलार्पण होगा
दूसरी ओर श्रावण पूर्णिमा सह अंतिम (पांचवी) सोमवारी को लगने वाले चन्द्र ग्रहण को लेकर भी परंपरानुसार होने वाले कार्यों को लेकर निर्णय लिए गए हैं। प्रशासन की ओर से पुरोहितों से लिए गए मत के अनुसार सोमवार को संध्या 7 बजे तक ही जलार्पण कराया जाएगा। उसके बाद सूतक काल में जलार्पण बंद रहेगा। सूतक काल समाप्त होने के बाद पट खोलकर साफ-सफाई आदि का काम कराया जाएगा। इसको लेकर प्रशासन की ओर से विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार भी कराया जा रहा है। पण्डा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर ने बताया कि चन्द्र ग्रहण के दौरान सूतक काल में पूजा निषिद्ध रहेगी। कितने बजे तक बाबा पर जलार्पण कराया जाएगा इसको लेकर पुरोहितों व जानकारों से विमर्श किया जा रहा है। बताते चलें कि वर्षों बाद यह संयोग श्रावण मास में लगा है कि मासव्यापी मेले की शुरुआत भी सोमवारी से हुई और अब समापन भी सोमवारी को ही हो रहा है। श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर चन्द्र ग्रहण भी वर्षों बाद लग रहा है।
बहनें वैद्यनाथ पर रक्षासूत्र अर्पित करेंगी
बाबानगरी की परंपरा के अनुसार रक्षा बंधन पर्व की शुरुआत कामनालिंग बाबा वैद्यनाथ पर पहला रक्षा सूत्र अर्पित करने के बाद ही बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखियां बांधेंगी। प्रशासन की ओर से अंतिम सोमवारी पर कामनालिंग पर जलार्पण करने के लिए पहुंचने वाले भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने की योजना तैयार कर ली गयी है। डीसी राहुल कुमार सिन्हा के अनुसार श्रावणी की बीत चुकी चार सोमवारी के ही समान पांचवी सोमवारी पर भी इंतजाम कराया गया है। सभी चिह्नित जगहों पर दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी व बलों को लगाया गया है।
बासुकीनाथ में सात 8 बजे तक ही जलार्पण
दुमका। बासुकीनाथ मंदिर में सावन पूर्णिमा पर रात आठ बजे तक ही बाबा को जलार्पण होगा। चंद्रग्रहण के कारण बाबा के शृंगार का समय भी पहले कर दिया गया है। रात 8 बजे जलार्पण रोक दिया जाएगा और सरकारी स्तर पर होने वाली शृंगार पूजा की जाएगी। उसके बाद अगले दिन प्रात: 3 बजे तक के लिए बाबा मंदिर का पट बंद हो जाएगा। बासुकीनाथ मंदिर के प्रभारी सह मेला दंडाधिकारी संजय कुमार दास ने यह जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रग्रहण के कारण मंदिर के पूजा व्यवस्था में किए गए बदलाव का नोटिस बासुकीनाथ मंदिर न्यास समिति की ओर से जारी कर दिया गया है।

 

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