रेलवे के चीफ वेलफेयर इंस्पेक्टर को घूसखोरी में तीन साल कैद
धनबाद में रेलवे के वेलफेयर इंस्पेक्टर राजकुमार साह को कोर्ट ने रिश्वतखोरी के मामले में दोषी ठहराते हुए तीन साल की कठोर सजा सुनाई। उन्हें 2013 में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया था। अभियुक्त को 25...

धनबाद, प्रतिनिधि डीआरएम कार्यालय के कार्मिक विभाग में कार्यरत वेलफेयर सुपरींटेंडेंट सह वेलफेयर इंस्पेक्टर राजकुमार साह को कोर्ट ने रिश्वतखोरी में दोषी ठहराते हुए तीन साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। राजकुमार को 12 दिसंबर 2013 को सीबीआई की टीम ने उसके न्यू स्टेशन कॉलोनी स्थित क्वार्टर से जाल बिछा कर दबोचा था।
गोमो के गुड्स लोको पायलट मकबूल आलम को रेलवे ने शारीरिक रूप से अक्षम बताते हुए उसे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दे दी थी। मकबूल के बेटे मंजूर आलम को पिता की जगह नौकरी देने के एवज में साह पांच हजार रुपए रिश्वत ले रहे थे। मकबूल 1998 में फिजिकली अनफिट हुए थे। सीबीआई के विशेष अभियोजन कुंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि सीबीआई के विशेष न्यायाधीश सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय राकेश कुमार की अदालत ने अभियुक्त राजकुमार शाह को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा सात में दोषी करार देते हुए तीन वर्ष कठोर कारावास एवं 25 हजार रुपए आर्थिक जुर्माना की सजा सुनाई है। सजा के बाद अभियुक्त को अपील के लिए एक माह के जमानत पर मुक्त कर दिया गया।
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