हाथों से मेहंदी का रंग उतरने से पहले कोरोना ने छीना माथे का सिंदूर
फोटो :- 23 अप्रैल को बलियापुर के परघा गांव निवासी रेलकर्मी तारकेश्वर महतो की हुई थी शादी - शादी के...
मेहंदी का रंग उतरने से पहले ही कोरोना ने छीना सिंदूर
धनबाद / गंगेश गुंजन
हाथों की मेहंदी का अभी रंग भी नहीं उतरा और कोरोना ने माथे का सिंदूर छीन लिया। बलियापुर के परघा गांव निवासी रेलकर्मी तारकेश्वर महतो की शादी के 23वें दिन मौत हो गई। दस दिन तक जिंदगी और मौत से अस्पताल में जूझनेवाले तारकेश्वर की 16 मई को बीजीएच बोकारो में मौत हो गई। जिसे भी घटना की जानकारी मिली, उनकी आंखों में आंसू आ गए।
23 अप्रैल को रेलकर्मी तारकेश्वर महतो की शादी धोखरा निवासी पलटू महतो की बेटी संगीता कुमारी के साथ धूमधाम से हुई थी। समारोह में नजदीकी रिश्तेदार के साथ दोस्त भी शामिल हुए, लेकिन शादी के बाद से ही तारकेश्वर की तबीयत अचानक खराब होने लगी। पहले घर में इलाज कराया, लेकिन स्थिति नहीं सुधरने पर धनबाद रेलवे अस्पताल में इलाज कराया गया। सांस लेने में तकलीफ होने की वजह से ऑक्सीजन तक चढ़ाया गया, लेकिन धनबाद में स्थिति नहीं सुधरने पर बीजीएच बोकारो रेफर कर दिया गया। बोकारो में कोविड टेस्ट निगेटिव आने के बावजूद तारकेश्वर की तबीयत नहीं सुधरी। एक दिन पहले 16 मई को तारकेश्वर का निधन हो गया। तारकेश्वर के निधन से पूरे इलाके में शोक की लहर है।
शादी समारोह में भीड़ जुटाना पड़ा महंगा
तारकेश्वर की शादी में नजदीकी रिश्तेदार के अलावा गांव के भी लोग शामिल हुए। शादी के बाद से ही तारकेश्वर की तबीयत बिगड़ने लगी। शादी में भीड़-भाड़ होने का खामियाजा परिवार को भुगतना पड़ा।