हरियाली के लिए मंत्रालय ने सीड बॉल का दिया निर्देश
कोयला मंत्रालय ने कोयला कंपनियों को हरियाली के लिए सीड बॉल तकनीक से वनीकरण का निर्देश दिया है। इस तकनीक से सीड बॉल गोबर सहित उर्वरक आदि को मिलाकर बनाए गए गोले को खनन स्थलों पर फेंका जाता है, जिससे...
धनबाद, विशेष संवाददाता। कोयला मंत्रालय ने कोयला कंपनियों को हरियाली के लिए सीड बॉल तकनीक से वनीकरण का निर्देश दिया है। मंत्रालय के निर्देश के अनुसार सीड बॉल तकनीक छोटे बीज का बड़ा प्रभाव जैसा है। मालूम हो कि सीड बॉल यानी बीज को गोबर सहित उर्वरक आदि को मिलाकर बनाए गए गोले के माध्यम से ओवर बर्डेन आदि पर फेंका जाता है। अब तो ड्रोन के माध्यम से भी सीड बॉल ओबी आदि पर गिराए जा रहे हैं। बारिश में पानी मिलने पर बीज अंकुरित होते हैं और वे पौधे का रूप लेते हैं। सीड बॉल विधि खनन स्थलों को पुनर्जीवित करने और हरित भविष्य बनाने का एक शानदार तरीका है। कोयला मंत्रालय पर्यावरण को बहाल करने व जैव विविधता को बढ़ावा देने और हरित परिदृश्य बनाने के लिए खनन क्षेत्रों में सीड बॉल का इस्तेमाल कर एक हरित कदम आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। खनन क्षेत्र खासकर उन क्षेत्रों में जहां जाकर पौधरोपण नहीं कर सकते वहां सीड बॉल कारगर है। इससे आसपास के लोगों को इको सिस्टम की पुर्नबहाली से जोड़ सकते हैं। कार्बन सिंक की क्षमता हासिल कर सकते हैं। बायो डायवर्सिटी यानी जैव विविधता ला सकते हैं। साथ ही सीड बॉल से हरियाली लाने में लागत भी कम आती है।
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