पेंशन फंड के लिए एक दिसंबर से कोयला प्रतिटन 10 रुपए महंगा हो जाएगा। कोल इंडिया ने इससे संबंधित आदेश मंगलवार को सभी अनुषंगी कंपनियों को जारी किया। प्रतिटन 10 रुपए सेस से जो अतिरिक्त आमदनी होगी, वह सीएमपीएफ पेंशन फंड में जमा होगा। मालूम हो सीएमपीएफ पेंशन फंड की स्थिति ठीक नहीं है। जमा से ज्यादा निकासी हो रही है। इससे पेंशनरों को पेंशन भुगतान में परेशानी की स्थिति उत्पन्न होती जा रही थी। अब यह संकट नहीं होगा।
रेगुलेटेड एव नन रेगुलेटेड दोनों तरह के उपभोक्ताओं के कोयले में 10 रुपए प्रतिटन की बढ़ोतरी होगी। वर्तमान परिस्थिति में पेंशन फंड में 10 रुपए सेस से 600 से 650 करोड़ रुपए तक की बढ़ोतरी होगी। कोल इंडिया की सात प्रमुख अनुषंगी कंपनियों बीसीसीएल, सीसीसीएल, ईसीएल, एसईसीएल, एनसीएल,एमसीएल एवं डब्ल्यूसीएल का कुल कोयला उत्पादन 600 मिलियन टन से ज्यादा है। कोल इंडिया की योजना 2023-24 तक एक बिलियन टन कोयला उत्पादन करना है। तब सीएमपीएफ फंड में 10 रुपए प्रतिटन के हिसाब से 1000 करोड़ तक मिलने की संभावना है। जैसे-जैसे कोयला उत्पादन में वृद्धि होगी, पेंशन फंड मजबूत होता जाएगा।
कोल इंडिया के अलावा सिंगरैनी कोलियरीज कंपनी भी सेस देने के लिए राजी है। इसके अलावा निजी कोयला कंपनियों को भी सेस मद में रकम देनी है। 19 नवंबर को सीएमपीएफ बोर्ड की रांची में हुई। बैठक में मामले पर विस्तार से चर्चा हुई थी। इसके पहले कोल इंडिया ने बोर्ड में मामले पर प्रस्ताव लाकर स्वीकृति दी थी।