कोयला चोरी में मैनेजर राय ने तेनुघाट कोर्ट में किया सरेंडर
बोकारो के मैथन निवासी कोयला कारोबारी मैनेजर राय ने 23 साल बाद तेनुघाट कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। उनके खिलाफ 1995 में कोयला चोरी का मामला दर्ज किया गया था। स्थायी वारंट जारी होने के बावजूद वे कोर्ट में...

बोकारो, प्रतिनिधि मैथन संजय चौक निवासी कोयला कारोबारी मैनेजर राय की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। कोयला चोरी के एक मामले में मंगलवार को बोकारो के तेनुघाट कोर्ट में मैनेजर राय ने सरेंडर किया। उनके खिलाफ बोकारो के जरीडीह थाना में कोयला चोरी की प्राथमिकी 1995 में दर्ज की गई थी। इस मामले में जामनत लेने के बाद 22 मई 1998 से ही मैनेजर राय कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहे थे। चार अगस्त 2001 में उनके खिलाफ न्यायालय से स्थायी वारंट जारी था।
प्राथमिकी के अनुसार जरीडीह पुलिस को 28 जून 1995 को सूचना मिली थी कि मैनेजर राय और हरेराम यादव तांतरी गांव में चोरी का कोयला जमा कर रहे हैं। गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उसी दिन छापेमारी कर तांतरी जोगिया गांव से 20 टन सीसीएल से चोरी का कोयला जब्त किया था।
बताया जा रहा है कि मैनेजर राय अपने रसूख के दम पर स्थायी वारंट के बावजूद न्यायालय में सरेंडर नहीं कर रहे थे। इस संबंध में मैथन और चिरकुंडा पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। मामले में बोकारो के तत्कालीन एसपी ने उसकी गिरफ्तारी के लिए धनबाद एसएसपी से पत्राचार भी किया था। जिसमें चिरकुंडा व मैथन पुलिस पर मामले में कार्रवाई न करने का शिकायत की गई थी। बावजूद उसकी गिरफ्तारी संभव नहीं हो पाई।
डीजीपी के निर्देश पर हाल के दिनों में लगातार पुराने वारंटी की धरपकड़ व कुर्की की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। पुलिस मुख्यालय के इस कड़े रुक को देखते हुए 23 साल से फरार मैनेजर राय ने मंगलवार को तेनुघाट कोर्ट के समक्ष खुद को आत्मसमर्पण कर दिया।
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