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सीएमपीएफ के इपीएफ में विलय पर नरमी के संकेत

दिल्ली में शुक्रवार को कोल इंडिया एपेक्स कमेटी की बैठक में कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ लेकिन कई संकेत दिए गए हैं जो प्रबंधन व यूनियनों के बीच हड़ताल को लेकर उत्पन्न तनावपूर्ण माहौल को कम कर सकता है।...

सीएमपीएफ के इपीएफ में विलय पर नरमी के संकेत
Center,DhanbadSat, 03 Jun 2017 02:16 AM
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दिल्ली में शुक्रवार को कोल इंडिया एपेक्स कमेटी की बैठक में कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ लेकिन कई संकेत दिए गए हैं जो प्रबंधन व यूनियनों के बीच हड़ताल को लेकर उत्पन्न तनावपूर्ण माहौल को कम कर सकता है। संयुक्त सचिव कोयला मंत्रालय के हवाले से कोल इंडिया चेयरमैन सुतीर्थ भट्टाचार्य ने बैठक में यूनियन नेताओं को बताया कि फिलहाल सीएमपीएफ का इपीएफ में मर्जर नहीं हो रहा है। जब मर्जर (विलय) की बात होगी तो यूनियनों को विश्वास में लिया जाएगा। मामले पर आठ या 10 जून को संयुक्त सचिव यूनियन नेताओं से मामले पर बात करेंगे। यूनियन नेताओं ने जवाब दिया कि इतना भर से काम नहीं चलेगा। सरकार को स्पष्ट शब्दों में घोषणा करनी होगी कि सीएमपीएफ का इपीएफ में विलय नहीं होगा। इस मसले पर कोई समझौता हो ही नहीं सकता। विलय के लिए शुरू की गई प्रक्रिया को तत्काल रोकना होगा एवं गठित कमेटी को भंग करना होगा। एटक के रमेंद्र कुमार ने कहा कि एपेक्स कमेटी की बैठक के बाद भी यूनियनें हड़ताल पर अड़िग हैं और दिल्ली से ही सभी ट्रेड यूनियन नेता कोरबा जा रहे हैं जहां हड़ताल को लेकर तीन जून को आयोजित कन्वेंशन में शामिल होंगे। प्रबंधन को कहा गया है कि हड़ताल पर वार्ता होगी तो इंटक को भी बुलाना होगा। कोल इंडिया चेयरमैन की मौजूदगी में आयोजित बैठक में प्रभारी डीपी कोल इंडिया, सभी अनुषंगी कंपनियों के सीएमडी तथा यूनियन नेताओं में डज्ञ. बसंत कुमार राय, रमेंद्र कुमार, डीडी रामानंदन एवं नाथुलाल पांडेय शामिल हुए। .... सीएमपीएफ बचेगा तभी पेंशन पर बात होगी रमेंद्र कुमार बोले कि कोल इंडिया चेयरमैन ने बैठक में यूनियन नेताओं को जेबीसीसीआई सबकमेटी में मेडिकल और पेंशन पर तैयार प्रस्ताव पर गबात करने का ऑफर दिया। प्रस्ताव पर सहमति के संकेत दिए गए। यूनियनों ने इन दोनों मसलों पर बात करने से इंकार करते हुए कहा कि जब सीएमपीएफ ही नहीं बचेगा तो पेंशन किस बात का। पहले सीएमपीएफ पर सरकार घोषणा करे तब पेंशन संबंधी नीति पर हस्ताक्षर करेंगे। मालूम हो पेंशन पर तैयार प्रस्ताव में कर्मी और प्रबंधन को सात-सात प्रतिशत अंशदान देना है। वर्तमान में कर्मचारी 4.5 प्रतिशत से अधिक अंशदान दे रहे हैं। दो प्रतिशत से कुछ ज्यादा ओर देना होगा। ..... जेबीसीसीआई में वेतन पर ठोस चर्चा की उम्मीद एपेक्स कमेटी की बैठक के पूर्व यूनियन नेताओं ने कहा था कि एपेक्स कमेटी में यदि सकारात्मक बातचीत नहीं होती है तो संभव है कि छह जून को जेबीसीसीआई की बैठक नहीं होगी। एपेक्स कमेटी की बैठक के बाद यूनियनें जेबीसीसीआई बैठक के लिए तैयार हैं। यानी यूनियनों को भी लग रहा है कि अड़ियल रवैये में नरमी के संकेत हैं। इसलिए जेबीसीसीआई में वेतन व भत्ते पर कोल इंडिया खुल सकता है। रमेंद्र कुमार कहते हैं कि 24 मई को कोयला मंत्रालय ने कोल इंडिया को पत्र लिख यूनियनों से हड़ताल पर वार्ता के लिए पत्र लिखा था। उसी आलोक में बातचीत हुई। सरकार सीएमपीएफ मुद्दे पर पीदे हटेगी तो आगे भी बातचीत होगी।

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